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सड़क निर्माण की मंद गति, ढाई साल में नहीं बनी सड़क

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इटारसी। इटारसी से धर्मकुंडी तक 30.6 किलोमीटर लंबी सड़क ढाई साल में भी पूर्ण नहीं हो सकी है। फिलहाड़ सड़क निर्माण का कार्य बहुत अधिक मंद गति से चल रहा है। सड़क निर्माण कार्य की जो गति है, उसे देखते हुए लगता है कि अभी लोगों की परेशानी जल्दी खत्म नहीं होने वाली है। गर्मी का मौसम विदाई की बेला में है और करीब बीस दिन बाद मानसून का आगमन होने की तिथि आ जाएगी। ऐसे में हो सकता है कि इस बरसात में भी परेशानी झेलनी पड़े। दरअसल, इस रोड का काम अपेक्षाकृत गति नहीं पकड़ पा रहा है। अक्टूबर 2016 से चल रहा यह कार्य अभी पचास फीसदी भी नहीं हुआ है। यानी ढाई साल से परेशानी झेल रहे करीब पचास गांव के लोगों की परेशानी का अंत जल्दी होने वाला नहीं है। हालांकि लोक निर्माण विभाग के अधिकारी काम की गति तेज करने का भरोसा दिला रहे हैं, लेकिन इसकी उम्मीद कम ही है। ग्राम तीखड़ निवासी किसान सुधीर वर्मा का कहना है कि पिछले ढाई वर्ष से सड़क जल्दी बनने की उम्मीद लगाये बैठे हैं। हालात इतने खराब हैं कि इन ढाई वर्षों में मुझे तीन गाडिय़ां बदलनी पड़ी है। छह माह में ही दुपहिया वाहन की हालत खराब हो जाती है। वाहन के रिम खराब हो जाते हैं, टायर ट्यूब तो दो माह में ही बदलवाने पड़ते हैं।
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इटारसी निवासी और ग्राम टेमला में खेती करने वाले युवक कृषक सम्राट तिवारी का कहना है कि वाहन चाहे दो पहिया हो, या चार पहिया। गिट्टियों के कारण खराब हो ही रहे हैं। उनके वाहन के टायर भी जल्दी खराब हो रहे हैं। कोई इस तरफ देखने वाला नहीं है। विभागीय अधिकारी तो मानो इस तरफ से मुंह फेरकर ही बैठे हैं।
सड़क निर्माण की गति और स्थिति देखकर लगता है कि इटारसी से धर्मकुंडी के बीच करीब 50 गांवों के लोगों को 10 मीटर चौड़ी रोड मिलना अभी सपना ही है। इस रोड के बनने की शुरुआत होने पर उम्मीद जागी थी कि इस रास्ते से हरदा होकर इंदौर पहुंचने का आवागमन सुगम हो जाएगा। अभी तक ऊबड़-खाबड़ हो चुकी डामर रोड 5 मीटर चौड़ी थी। इस कारण इस रास्ते पर परिवहन के साधन कम थे। अब दोनों तरफ के अतिक्रमण हटाकर सड़क की चौड़ाई दोगुना की जा रही है। निर्माणाधीन सड़क का काम अक्टूबर 2016 यानी करीब ढाई साल से चल रहा है। पीडब्ल्यूडी के एसडीओ के अनुसार काम की गति बढ़ाने के लिए ठेका कंपनी को अल्टीमेटम दिया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि रास्ता खराब होने के कारण ग्रामीणों को यहां से निकलने में परेशानी हो रही है। ग्राम पीपलढाना निवासी एक ग्रामीण भूरेलाल यादव का कहना है कि सायकिल रिपेयरिंग में ही इतना पैसा लग गया है जितने में नयी सायकिल आ जाती। उन्होंने कहा कि हम दो साल से अधिक समय से परेशान हैं। कोई सुनने वाला भी नहीं है।
करीब पचास करोड़ रुपए की लागत से बन रही 30.6 किलोमीटर की रोड बनने के लिए 24 माह का वक्त मुकर्रर था। 28 जून 2018 को इसकी डेडलाइन थी लेकिन, अब तक यह सड़क पचास फीसदी भी पूरी नहीं हो सकी है। लोक निर्माण विभाग सिवनी मालवा के अधीन इस सड़क के कार्य को गति देने का भरोसा विभाग के एसडीओ आरएस विश्वकर्मा जता रहे हैं।
इनका कहना है…!
मौसम का असर और कुछ अन्य कारण हैं जो निर्माण कार्य की गति धीमी है। हम ठेका कंपनी को अल्टीमेटम जारी कर रहे हैं कि वे काम की गति को तेज करें। विभाग के एसडीओ भले ही कुछ कहें, लेकिन, वर्तमान काम की गति देखकर लगता नहीं है कि इस बारिश से पूर्व भी यह रोड पूर्ण हो सकेगा।
आरएस विश्वकर्मा, एसडीओ पीडब्ल्यूडी सिवनी मालवा

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