इटारसी। कोरोना के संकटकाल में यहां गोठी धर्मशाला (Gothi Dharamshala) में रह रहे एक प्राध्यापक को पिछले आठ वर्ष (8 Years) से वेतन (Salary) नहीं मिला है और इन दिनों खराब स्वास्थ्य के साथ ही वेतन (Salary) की आस में हर जगह मदद की गुहार लगा रहे हैं। लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान वे वर्धा जिले के सेवाग्राम आश्रम में फंसे थे, वहां के प्रशासन की मदद से इटारसी तक पहुंचे और वर्तमान में वे गोठी धर्मशाला में रह रहे हैं।
मूलत: इटारसी निवासी और जबलपुर विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र (Economics) के प्राध्यापक डॉ. अमिताभ शुक्ल (Dr. Amitabh Shukl) को 8 साल से वेतन (Salary) नहीं मिलने से उनका खुद का अर्थशास्त्र बिगड़ा हुआ है। न तो वे ठीक से खानपान में खर्च कर पा रहे हैं और ना ही अपने स्वास्थ्य की देखभाल कर पा रहे हैं। उन्होंने वेतन (Salary) और आर्थिक अनुदान के लिए कोर्ट (Court) की शरण भी ले रखी और होशंगाबाद कलेक्टर को भी मदद की गुहार लगा चुके हैं। उन्होंने महाराष्ट्र शासन, कुलपति रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर और कलेक्टर जबलपुर को भी पत्र लिखकर समस्या के निदान की मांग की थी। लेकिन, हर जगह से केवल आश्वासन (Assurance) ही मिल रहे हैं। उनकी आर्थिक हालत और स्वास्थ्य लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।
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आठ साल में सिर्फ आश्वासन (Assurance) मिले, वेतन (Salary) नहीं

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