---Advertisement---
Click to rate this post!
[Total: 0 Average: 0]

कलेक्टर ने योगाभ्यास में निभाई सहभागिता

By
On:
Follow Us

हुआ सामूहिक सूर्य नमस्कार
होशंगाबाद। महान योगी स्वामी विवेकानंद जी के जन्म दिवस 12 जनवरी को प्रतिवर्ष मध्यप्रदेश के स्कूलो में सूर्य नमस्कार का कार्यक्रम किया जाता है। इस वर्ष भी 12 जनवरी को होशंगाबाद के शासकीय कन्या शाला में सामूहिक सूर्य नमस्कार के कार्यक्रम में जिला कलेक्टर श्री अविनाश लवानिया व ब्रिाक्स के अध्यक्ष बलराम सैनी, संयुक्त संचालक शिक्षा श्री पी.आर.कौसे एवं जिला शिक्षा अधिकारी श्री ए.के.चौरगढ़े ने शिक्षको एवं छात्राओं के साथ सामूहिक सूर्य नमस्कार किया। विविध भारती आकाशवाणी से सामूहिक सूर्य नमस्कार का सीधा प्रसारण किया गया। प्रात: 9 बजे वंदेमातरम का गान हुआ। उसके पश्चात मध्यप्रदेश गान का प्रसारण आकाशवाणी से किया गया। इसके पश्चात प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहाने का संदेश छात्र-छात्राओं तक पहुंचाया गया। श्री चौहान ने बच्चो से कहा कि वे पढ़लिख कर आगे बढ़े, अपने माता-पिता का और अपने गाँव का नाम रौशन करे और अनंत आकाश की ऊँचाईयो को छूए। सभी व्यक्ति सूर्य नमस्कार को अपनी दिनचर्या का अंग बनाए। उन्होंने स्वामी विवेकानंद जी द्वारा युवाओ को प्रेरित करने वाली बात को दोहराते हुए कहा कि उठो, जागो और जब तक अपने लक्ष्य को प्राप्त न करो तब तक रूको मत।
स्थानीय शासकीय कन्या शाला में कलेक्टर श्री अविनाश लवानिया एवं छात्राओ ने सूर्य नमस्कार के 12 आसनो के चक्र का अभ्यास किया। प्रथम चक्र में पादस्त आसन, अष्टांग नमस्कार, पर्वतासन, अश्व संचाल आसन, हस्त उत्तासन, प्रार्थना की मुद्रा शामिल थीं। इन आसनो को करने से आत्म विश्वास में वृद्धि होती है। द्वितीय चक्र में नमस्कार की मुद्रा हस्त उत्तासन, अश्व पर्वततासन, भुजंग आसन का अभ्यास किया गया। इन आसनो को करने से शरीर को आराम मिलता है। आंखो की रौशनी बढ़ती है। रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। जांघो का आराम मिलता है। तंत्रिका मजबूत होती हैं। तीसरे चक्र में अश्व संचाल आसन, पादस्त आसन का अभ्यास कराया गया। इन आसनो को करने से मनुष्य को अपने अंदर आये परिवर्तन की अनुभूति होती है, इससे शरीर स्वस्थ्य रहता है। आसनो के तीन चक्र पूर्ण होने के पश्चात प्राणायम का अभ्यास किया गया। जिसमें अनुलोम, विलोम प्राणायम किया गया। इसके करने से ठंडक का अनुभव होता है, शरीर स्वस्थ्य एवं स्वच्छ रहता है और मन में शांति का अनुभव होता है। इसके पश्चात उज्जाई प्राणायम का अभ्यास किया गया इसमें सांस अंदर लेने एवं छोड़ने की प्रक्रिया की गई इसके करने से शांत भाव पैदा होता है। इसके बाद भावरी प्राणायम का अभ्यास किया गया इसको करने से आनंद का अनुभव व तेज का अनुभव होता है। इसके पूर्व कलेक्टर श्री लवानिया ने स्वामी विवेकानंद के चित्र पर माल्यार्पण किया।

For Feedback - info[@]narmadanchal.com
Join Our WhatsApp Channel
Advertisement
error: Content is protected !!
Narmadanchal News
Privacy Overview

This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.