कृषि मंडी में फल-सब्जी कारोबार की अधिसूचना जारी, व्यापारी सहमत नहीं

Post by: Manju Thakur

Nagar Palika
MANDI (1)
Aaditya
ARPIT JAIN (1)
IMG-20250124-WA0010
IMG-20250125-WA0558
Mayank (1)
PRASHANT AGRAWAL (1)
RAKESH JADHAV
PlayPause
previous arrow
next arrow

इटारसी। एक ही स्थान पर अनाज के साथ फल, सब्जी, फूल, मसाले आदि का विपणन हो सके इसके लिए मप्र और केन्द्र सरकार ने इटारसी कृषि उपज मंडी को अधिसूचित किया है। यहां फल, सब्जी, अनाज, मिर्च-मसालों के साथ ही केसला के कालाआखर उपमंडी में जड़ी-बूटी का विपणन भी किया जाएगा। शासन का मानना है कि इससे इन चीजों का विपणन उचित तरीके से होगा और व्यापारियों को योजनाओं का लाभ मिलेगा और प्रतिस्पर्धा भी होगी।
मप्र राजपत्र दिनांक 13 जनवरी 2020 से फल-सब्जी की अधिसूचना जारी हो गयी है। इसके बाद एसडीओ राजस्व एवं भारसाधक अधिकारी हरेन्द्र नारायण की अध्यक्षता में बैठक भी हो चुकी है। बैठक में संयुक्त संचालक आंचलिक कार्यालय नर्मदापुरम संभाग होशंगाबाद, वरिष्ठ उद्यानिकी विभाग केसला, कार्यपालन यंत्री तकनीकि संभाग होशंगाबाद, सचिव मंडी समिति इटारसी, उपयंत्री तकनीकि संभाग होशंगाबाद, मंडी निरीक्षक, बाजार शाखा प्रभारी, मंडी अधीक्षक मौजूद थे।

व्यापारियों को पत्र हुए जारी
मंडी प्रबंधन की तरफ से सब्जी और फल व्यापारियों को पत्र भी जारी हो चुके हैं, जिसमें उनसे अनुज्ञप्ति प्राप्त करने को कहा गया है। व्यापारियों से कहा है कि वे लायसेंस प्राप्त करके मप्र और केन्द्र सरकार की योजनाओं का लाभ लें। बैठक में समस्त विचार-विमर्श के बाद सहमति बनी कि मप्र शासन ने मंडी प्रांगण में फल-सब्जी मंडी अधिसूचित किये जाने के दिनांक 13 जनवरी 2020 से यहां नियमन/विपणन व्यवस्था प्रारंभ हो गयी है। अब समस्त फल, सब्जी के थोक एवं फुटकर व्यापारियों को फल-सब्जी व्यापार के लिए नियमानुसार मंडी कार्यालय से लायसेंस प्राप्त करके मंडी फीस आदि का भुगतान मंडी कार्यालय में करना होगा।

दस एकड़ में होगी मंडी
कृषि उपज मंडी के 65 एकड़ रकबे में से फल, सब्जी, मसाले के लिए दस एकड़ की जगह सुरक्षित की है। आवश्यकता होने पर रैसलपुर उपमंडी का उपयोग भी भंडारण आदि के लिए किया जाएगा। मंडी प्रशासन ने व्यापारियों के लायसेंस बनाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है तथा व्यापारियों को सूचना भी जारी कर दी है। कृषि उपज मंडी में दस एकड़ के मैदान पर मंडी बोर्ड फल-सब्जी मंडी बनाने की तैयारी कर रहा है। इसमें वर्तमान कृषि मंडी के सामने मुख्य मार्ग से सांवरिया वेयर हाउस के साइड से लगभग चार एकड़ के रकबे में फल मंडी और वर्तमान अनाज मंडी परिसर में पांच एकड़ की भूमि सब्जी मंडी के लिए सुरक्षित कर ली गई है।

क्या है योजना
शहर में अभी सब्जी मंडी में ही फल एवं सब्जियों का थोक मार्केट भी चल रहा है। इस मंडी में देश के कई राज्यों के अलावा आसपास के ग्रामीण अंचलों से फल और सब्जियां आती हैं। शहर में इस कारोबार से जुड़े कई बड़े व्यापारी हैं। थोक-फुटकर दोनों बाजार सटे होने से इनको कारोबार में सुविधा लगती है। हालांकि जगह की कमी एवं ट्रांसपोर्ट की समस्या अवश्य होती है। लेकिन, यह इनकी आदत में शामिल हो गया है। हालांकि शासन का मानना है कि कृषि मंडी में नये बाजार से थोक कारोबारियों को फायदा होगा। यहां केले, सेवफल, हरी मिर्च, आलू, प्याज, संतरा, अनार समेत कई तरह के मौसमी फल सब्जियों का बड़े पैमाने पर कारोबार है।

यह आ सकती है परेशान
शासन ने भले ही अधिसूचना जारी कर दी हो, लेकिन इस योजना से सारे व्यापारी सहमत हो जाएं, ऐसी उम्मीद कम ही लगती है। दरअसल, वर्षों से जहां इनका कारोबार चल रहा है, वहां से करीब पांच किलोमीटर दूर जाना ये पसंद नहीं करेंगे। क्योंकि इनसे माल खरीद करने छोटे व्यापारी वहां नहीं पहुंच पाएंगे। भविष्य में बाजार से दूरी, परिवहन भाड़ा ज्यादा लगने जैसी असुविधा बताकर नए बाजार जाने से फल और सब्जी के थोक व्यापारी इससे इनकार कर सकते हैं, यदि ऐसा हुआ तो मंडी बोर्ड की बड़ी योजना पर पानी फिर सकता है। हालांकि मंडी प्रबंधन का मानना है कि जब व्यापारियों को यहां सुविधाएं मिलेंगी तो वे इसके लिए राजी हो जाएंगे।

यह रहेगी सुविधा
– फल-सब्जी मंडी के लिए एक तीसरा गेट बनेगा
– 20 गुणा 60 मीटर का हाई राइज शेड बनेगा
– मंडी में सीसी रोड और नाली बनायी जाएगी
– सुविधा हेतु 20 गुणा 60 मीटर कव्हर्ड गेट
– पेयजल के लिए पाइप लाइन और प्याऊ
– 4 गुणा 15 मीटर के दो छोटे शेड भी बनेंगे
– डीलक्स शौचालय बनाने की भी योजना है
– स्ववित्तीय आधार पर प्लाट, शॉप, गोदाम

इनका कहना है…!
जल्द ही यहां करीब 10 एकड़ का सब्जी-फल बाजार बनाया जाएगा। इसके लिए प्रस्ताव बनाकर मंडी बोर्ड की मंजूरी के लिए भेजा था जिस पर स्वीकृति के बाद अधिसूचना भी जारी हो गयी है।
उमेश बसेडिय़ा शर्मा, सचिव कृषि उपज मंडी समिति

हम लोग पक्ष में नहीं हैं
हम लोग इस योजना के पक्ष में नहीं हैं। दरअसल, यहां सब्जी का व्यापारी इतना बड़ा नहीं है, जैसी योजना बतायी जा रही है। प्रदेश में जहां भी ऐसी योजना लागू की गई है, वहां व्यापार उसके मुताबिक था। यहां हमें नगर पालिका ने भी दुकानें एवं फुटकर बाजार बनाकर दिया है, ऐसे में 5 किमी दूर मंडी जाने से कोई फायदा नहीं। इस निर्णय का हम विरोध करेंगे।
सोनू बिंद्रा, सब्जी कारोबारी

सरकार के वश की बात नहीं
फल और सब्जी बेचना सरकार के वश की बात नहीं है। इस योजना से व्यापारी और किसान दोनों को ही परेशान होना पड़ेगा। इस योजना से सरकार के पैसों की बर्बादी ही कर रही है। इसमें सरकार और किसान दोनों का ही शोषण ही होगा।
जसपाल सिंघ भाटिया, फल कारोबारी

B.B.M college Sukhtawa
Bharagda School
BORI
EXCIZE ITARSI
GIRLS COLLEGE (2)
Kesla Panchayat
MAHILA BAL VIKAS ITARSI
MGM CLLEGE
PHE
Pipaldhana
TARONDA (1)
UTKRASHTH KESLA
VAN SAMITI ITARSI
Van Samiti Kesla
previous arrow
next arrow

Leave a Comment

error: Content is protected !!