इटारसी। तवानगर में एक महिला ने पेयजल सप्लाई किये जाने वाले कुए में कूदकर आत्महत्या कर ली। घटना का कारण घरेलू विवाद बताया जा रहा है। महिला सुबह 6 बजे पुलिस थाने के पीछे स्थित कुए के पास पहुंची और वहां जाली हटाकर उसमें कूद गयी। बताया जाता है कि घटना के वक्त पास ही जंगल में एक युवती शौच के लिए गयी थी जिसने यह घटना देखी और महिला को आवाज दी। जब तक वह यहां आ पाती, महिला कुए में कूद चुकी थी। युवती ने लोगों को आवाज देकर बुलाया। जब तक लोग पहुंच पाते महिला की मौत हो चुकी थी।
मिली जानकारी के अनुसार तवानगर के चांदनी चौक निवासी करीब 70 वर्षीय महिला कसियाबाई पति स्वर्गीय नत्थू डोंगरे ने सुबह करीब 6 बजे कुए में कूदकर आत्महत्या कर ली। घटना के वक्त कुए पर कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था, जबकि यहां एक कर्मचारी की ड्यूटी रहती है। तवानगर के नागरिक और भाजपा के पूर्व अध्यक्ष बाबा देशमुख का कहना है कि इसमें सरपंच और सचिव की घोर लापरवाही है। सचिव को सूचना मिली तो वे केसला से तवानगर आए लेकिन, घटना स्थल से महज एक किलोमीटर दूर रहने वाली सरपंच मौके पर नहीं पहुंचीं। सचिव ने कुए पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किये हैं। पंच भूपेश साहू का कहना है कि कुए में जाली लगायी थी, लेकिन उसमें ताला नहीं लगाया गया। यदि ताला लगा होता तो यह घटना नहीं होती। महिला जाली को ऊपर करके कुए में कूद गयी। सचिव के यह कहने पर कि कर्मचारी ड्यूटी पर था, तवानगर के लोगों का कहना है कि कुए और पाइप लाइन के कर्मचारी अलग-अलग होते हैं, और जिस वक्त घटना हुई, उस वक्त किसी के घर कोई पानी नहीं आया है। कैसे मोटर चालू की और कैसे पाइप लाइन खोली गई। सब लीपापोती की जा रही है। मामले में सरपंच और सचिव को ग्रामीणजन जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पेंशनर थी महिला
महिला का पति सिंचाई विभाग में कार्यरत था और महिला को उनकी पेंशन मिलती थी। इस घटना के बाद हालांकि पारिवारिक विवाद की बात अवश्य कही जा रही है। लेकिन घटना में ग्राम पंचायत को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि कुए की जाली में ताला लगा होता तो महिला जाली हटाकर कुए में नहीं कूदती और यह घटना नहीं होती। इसी तरह यदि यहां जिस कर्मचारी की ड्यूटी लगी थी, वह मौजूद होता तो भी इस घटना को रोका जा सकता था। सचिव के अनुसार यहां राशिद नामक कर्मचारी की ड्यूटी थी और वह पंप चालू करके पाइप लाइन खोलने गया था। हालांकि ग्रामीण इस दलील को केवल बहाना बता रहे हैं। उनकी दलील है कि पंप चालू करने और पाइप खोलने वाले कर्मचारी अलग-अलग होते हैं।
कुछ माह पूर्व गिरा था सुअर
उल्लेखनीय है कि तवानगर में थाने के पास वाले कुए में ही कुछ माह पूर्व एक सुअर गिरने से मौत हो गयी थी। उस वक्त भी ग्राम पंचायत की लापरवाही पर ग्रामीणों ने काफी नाराजी जतायी थी। ग्राम पंचायत ने इसके बाद कुए पर जाली का इंतजाम किया था। उस वक्त भी ग्रामीणों ने उस कुए से सप्लाई किये जाने वाले पानी का उपयोग नहीं किया था। अब इस कुए में महिला गिरी है, उस कुए का पानी भी लोगों के अनुसार पीने योग्य नहीं बचा है। सचिव का कहना है कि हम कुए का सारा पानी मोटर से निकालकर उसकी सफाई कराएंगे। इधर पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर जांच में लिया है तथा महिला के शव का पोस्टमार्टम कराके शव को उसके परिजनों को सौंप दिया है।
इनका कहना है…!
मुझे जैसे ही खबर मिली मैं तत्काल मौके पर पहुंचा हूं। जहां तक कर्मचारी के नहीं होने की बात है, यह गलत है। कर्मचारी ड्यूटी पर था और पंप चालू करके पाइप लाइन खोलने गया था।
सुमेर सिंह कासदे, सचिव