इटारसी। रैसलपुर, धौंखेड़ा के पास खेतों में शुक्रवार को दोपहर करीब 1 बजे लगी आग से 35.5 एकड़ में खड़ी गेहूं की फसल जलकर राख हो गयी। खेत में एक नलकूप भी आग की चपेट में आ गया। इस घटना में करीब एक दर्जन किसानों को करीब 14 लाख रुपए के नुकसान का अनुमान है। आग लगने का कारण एक खेत में चल रहे एक हार्वेस्टर से और दूसरे खेत में एक खंभे के बाक्स में से निकली चिंगारी को बताया जा रहा है।
शुक्रवार को रैसलपुर, धौंखेड़ा और इटारसी के किसान कुछ प्लैटिनम रिसोर्ट, आनंदम के पीछे स्थित अपने खेतों में काम कर रहे थे। अचानक खेत से धुआं उठता देख, झाडिय़ां लेकर उस ओर दौड़े, कुछ खेतों की फैंसिंग में उलझे तो कुछ भागम-भाग में गिरे। जब तक आग के पास तक पहुंच पाते तेज हवा से आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। किसानों ने चिल्लाना और झाडिय़ों से आग पर काबू पाने का प्रयास शुरु किया। गांव के लोगों ने देखा तो जिसे जहां से हरी झाडिय़ां मिलीं, आग वाले स्थान की ओर दौड़ा। महज बीस मिनट में लगभग एक हजार लोग जमा हो गये। सबने अपने-अपने स्तर पर आग बुझाने का प्रयास किया। लेकिन, हवा का झोंका जिस ओर जाता आग वहीं चल पड़ती। किसान खेतों में आग के पीछे दौड़ लगा रहे थे और आग एक खेत से दूसरे खेत जा रही थी। इस बीच सूचना मिलने पर फायर ब्रिगेड भी आ पहुंची। रैसलपुर, इटारसी, धौंखेड़ा के लगभग एक हजार किसानों और होशंगाबाद, इटारसी तथा आर्डनेंस फैक्ट्री की दमकलों की मदद से यह आग करीब डेढ़ घंटे में बुझ सकी।
इन किसानों का इतना गेहूं जला
विजय दुबे काकूभाई का पांच एकड़ खेत में श्रवण कुमार द्वारका प्रसाद ने फसल बोयी थी। यह सारी फसल जलकर राख हो गयी। मुकेश पिता श्रीराम का 3 एकड़ खेत राजकुमार पिता चेतराम ने सिकमी लिया था। इसमें खड़ी फसल आग की भेंट चढ़ गयी। राजेश, मुकेश शिवदयाल का 3.50 एकड़ खेत जला तो कृष्ण कुमार प्रहलाद का 3 एकड़ खेत आग के हवाले हो गया। इसका स्वामित्व प्रदीप पिता भगवानदास हैं। धनराज पिता रामेश्वर का 4 एकड़ खेत और एक बोरवेल, हरीप्रसाद पिता ङ्क्षमगा यादव का एक एकड़ खेत आग की भेंट चढ़ गया है। रामगोपाल पिता गुलाबदास चौरे का 3 एकड़ का खेत और एक बोरवेल, यशवंत पिता गुलाबदास का 3 एकड़ खेत, मुनक्कालाल गुलाबदास एक एकड़, राजू पिता चेतराम 4 एकड़ और भगवती, सुरेन्द्र पिता नंदकिशोर का 4 एकड़ खेत आग की भेंट चढ़ गया है।
विधायक पहुंचे, किसानों से मिले
खेतों में आगजनी की सूचना मिलने के तत्काल बाद विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने खेतों में पहुंचकर किसानों से मुलाकात की और किसानों को कहा कि उनको ढाढ़स बंधाते हुए कहा कि किसान चिंता न करें, उनको नुकसान जो हुए है, ऐसे हालात में हम उनके साथ हैं और जो नुकसान हुआ है उसकी भरपायी अवश्य करायी जाएगी। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में किसानों को धैर्य से काम लेना चाहिए। किसानों ने विधायक डॉ. शर्मा को बताया कि एक खेत में सरपंच अजय मेहरा का हार्वेस्टर चल रहा था, उससे आग लगी है। कलेक्टर ने शुरुआत में ही आदेश दिये थे कि हार्वेस्टर के साथ पानी भी होना चाहिए, जो इस हार्वेस्टर में नहीं था। किसानों ने भूसा मशीन पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की है। गुरुवार को ग्राम डोंगरवाड़ा में जो आग लगी थी वह भूसा मशीन से ही लगी थी।
हमारा तो सबकुछ लुट गया
हमारा तो सबकुछ ही इस आग में जल गया है। हमारे पास डेढ़ एकड़ का ही रकबा है और सुबह खेत पर काम करने ही आये थे कि अचानक पास के खेत से आग हमारे खेत तरफ आयी और हम कुछ कर पाते, इससे पहले ही खेत हमारी आंखों के सामने ही जल गया।
जमना बाई, किसान
काफी नुकसान हो गया
दोपहर में करीब एक बजे का समय होगा। जब खेत में आग लगने की सूचना मिली। हम पहुंचे तब तक आग काफी फैल चुकी थी। हमारा दो से ढाई एकड़ की फसल जली है। इस घटना में लगभग साठ से सत्तर क्विंटल गेहूं जलकर राख हो गया।
कृष्ण कुमार, रैसलपुर
विधायक ने कहा
किसानों की एक ही मांग है, भूसा मशीन पर प्रतिबंध लगना चाहिए। इसी तरह से कलेक्टर ने शुरुआत में ही एक निर्देश दिया था कि जो भी हार्वेस्टर संचालक होगा, पानी की व्यवस्था साथ रखेगा। आज किसानों से जो सूचना मिली उसमें रैसलपुर के अजय मेहरा का हार्वेस्टर था जिसमें पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी। कल डोंगरवाड़ा में जो आगजनी हुई है, उसमें भूसा मशीन से आग लगना बताया जा रहा है।
डॉ.सीतासरन शर्मा, विधायक