इटारसी। मसीह समाज ने आज प्रभु यीशु के मृतकों में से पुन: जी उठने का पर्व ईस्टर श्रद्धा के साथ मनाया। मसीह समाज में ईस्टर का विशेष महत्व होता है। ईसाई धर्म ग्रंथ अनुसार गुड फ्राइडे के तीन दिन बाद ईस्टर संडे मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन प्रभु यीशु कब्र से जीवित हो उठे। इस दिन प्रभु यीशु के पुन: जीवित होने पर जश्न और उत्सव मनाया जाता है। लेकिन, कोरोना वायरस के कारण लॉक डाउन के चलते मसीह समाज ने अपने घरों में रहते हुए ईस्टर का पर्व मनाया। इस दिन घरों और गिरिजाघरों में प्रार्थना सभा की जाती है जिसमें प्रभु की महिमा का बखान किया जाता है। लोग एक दूसरे को प्रभु यीशु के पुनर्जन्म की शुभकामनाएं देते हैं। हालांकि, कोरोना वायरस महामारी के कारण इस साल लोग घरों में रहकर ही ईस्टर डे मना रहे हैं।
आज पूरे विश्व में मसीह समाज के द्वारा ईस्टर पर्व पुनरुत्थान दिवस मनाया। पूरे विश्व में फैले कोरोना वायरस के चलते इटारसी के मसीह समाज के लोगों ने ईश्वर की आराधना एवं प्रार्थना अपने अपने घरों में की और चर्च के पॉस्टर ने फेसबुक यू-ट्यूब और ऑनलाइन संदेशों को मसीह समाज के लोगों के बीच में पहुंचाया और ईस्टर पर्व की आराधना की। फोन से समस्त मसीह समाज के लोगों ने एक दूसरे को ईस्टर पर्व की शुभकामनाएं दी। क्रिश्चियन यूथ एसोसिएशन ने भी समस्त मसीह समाज को एवं इटारसी के समस्त लोगों को ईस्टर पर्व की शुभकामनाएं दी हैं।
ईस्टर संडे की ऐतिहासिक कथा
धार्मिक ग्रंथों में निहित है कि जब प्रभु यीशु को शूली पर चढ़ाया तो उनके अनुयायियों में निराशा की लहर दौड़ गई। इसके तीन दिन बाद संडे के दिन वे कब्र से जीवित हो उठे। प्रभु यीशु के शोक संतप्त अनुयायी अपने घरों में प्रभु यीशु को स्मरण कर रहे थे। तभी उनके पास एक महिला आई और बोली-प्रभु जीवित हो उठे हैं। यह सुन अनुयायियों में ख़ुशी की लहर दौड़ गई। उन्होंने महिला से विस्तार में सब कुछ बताने को कहा। इसके बाद उस महिला ने कहा-जब वह प्रार्थना करने कब्र पर गई तो देखा कि कब्र का पत्थर अपने स्थान पर नहीं हैं और प्रभु का पार्थिव शरीर कब्र में मौजूद नहीं था। उस समय कब्र से देवदूत प्रकट होकर बोले-तुम प्रभु की प्रार्थना करने यहां आई हो। जबकि प्रभु तो जीवित हो उठें हैं। उन्हें कब्र में नहीं अपने आस-पास ढूंढो, वे वहीं मिलेंगे। इसके बाद देवदूत गायब हो गए। यह सुन वह रोने लगी तभी प्रभु प्रकट होकर बोले-मत रो, मैं जीवित हो उठा हूं। जाओ सबसे कह दो कि परम पिता परमेश्वर के संतान पुन: धरती पर आ गए हैं। यह कहकर प्रभु अदृश्य हो गए। इस दिन से हर साल गुड फ्राइडे के तीन दिन बाद ईस्टर मनाया जाता है।
प्रभु यीशु का स्वर्ग प्रस्थान
ऐसा कहा जाता है कि प्रभु यीशु जीवित होने के बाद 40 दिनों तक धरती पर रहे और इसके बाद पुन: स्वर्ग लोक को लौट गए। इस दरम्यान उन्होंने अपने शिष्यों को ज्ञान के उपदेश दिए और उन्हें धर्म, कर्म, शांति एवं मानवता का पाठ पढ़ाया।