गुरुनानक देव जयंती पर गुरुद्वारों में हुए विभिन्न कार्यक्रम
इटारसी। सिख गुरू गुरुनानक देव की जयंती आज गुरुद्वारों में श्रद्धा से मनायी। हजारों लोगों ने गुरुद्वारों में गुरुग्रंथ के समक्ष मत्था टेका और अरदास की। सुबह से गुरुद्वारा श्री गुरुसिंघ सभा के अलावा सिंधी कालोनी स्थित तीन गुरुद्वारों कीर्तन हुए और लोगों ने पहुंचकर अरदास की। सभी जगह दोपहर में भंडारे हुए जिसमें हजारों लोगों ने पहुंचकर भोजन प्रसादी ग्रहण की।
श्री गुरुद्वारा गुरुसिंघ सभा में पूर्व मंत्री और सिवनी मालवा विधायक सरताज सिंह भी पहुंचे। उन्होंने समस्त समाज को गुरुनानक जयंती की बधाई देते हुए सिख गुरुओं का इतिहास औ बलिदान याद दिलाया। श्री गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष जसबीर सिंघ छाबड़ा ने भी सभी को बधाई दी। उन्होंने बताया कि गुरुनानक देव ने 25 हजार किलोमीटर पैदल चलकर मानवता का प्रसार प्रचार किया। दोपहर डेढ़ बजे से गुरु का लंगर चला जिसमें समाज के अलावा शहर के गणमान्य नागरिक भी शामिल हुए। शाम 4 बजे तक लोगों ने लंगर में प्रसादी ग्रहण की। श्री गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष जसबीर सिंघ छाबड़ा, सचिव राजेन्द्र सिंह दुआ, कोषाध्यक्ष इंदरसिंघ भाटिया, पाली भाटिया, देवेन्द्र सिंघ जुनेजा, सतप्रीत सिंघ छाबड़ा, रणवीर सिंघ छाबड़ा, दयाल सिंघ सहित सामाजिक लोगों ने सेवा दी।
गुरुनानक देव जयंती कार्यक्रम में सिंधी कालोनी की साध संगत, गुरुनानक पुरा मालवीयगंज की साध संगत सहित शहर के गणमान्य नागरिक शामिल हुए। जयंती पर जबलपुर से आए रागी जत्थे के साथ स्थानीय जत्था और गुरुनानक पब्लिक स्कूल के बच्चों ने भी कीर्तन किया। करनाल से आए कथा वाचक ने कथाएं सुनायीं।
सिंधी कालोनी स्थित संत कृपाराम दरबार में जगतराम नागदेव और त्रिलोकचंद नागदेव की अगुवाई में गुरुनानक जयंती मनायी गई। इस दौरान कीर्तन, अरदास के बाद दोपहर में लंगर का आयोजन हुआ। यहां इसी तरह से सिंधी कालोनी के ही गुरुनानकदेव दरबार में सेवादार जगदीश जग्यासी और अशोक जग्यासी की देखरेख में जयंती मनी। इसी तरह से संत आसूदाराम धाम में भी गुरुपर्व का आयोजन हुआ। पूज्य पंचायत सिंधी समाज, झूलणं सेवा समिति एवं सिंधु सभा के पदाधिकारियों और सदस्यों ने कार्यक्रमों में सेवा दी।