इटारसी। सेवानिवृत्त कृषि अधिकारी द्वारा संग्रहित और लिखित बागवानी पर आधारित स्मारिका गृह वाटिका विज्ञान का विमोचन वसंत पंचमी के पावन मौके पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी करन सिंह तोमर ने किया। इस अवसर पर प्रोफेसर डॉ. कश्मीर सिंह उप्पल, पुस्तक के लेखक कमल सिंह तोमर, राजेन्द्र तोमर, शिवकिशोर पटेल, संस्कार गौर, संदीप मेहतो सहित अनेक अतिथि मौजूद थे।
सृष्टि बागवानी परामर्श सेवाएं के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में अतिथियों ने वीणावादिनी मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम की शुरुआत की। टीआरएम स्कूल के विद्यार्थियों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। कमल सिंह तोमर ने अपनी पुस्तक के विषय में जानकारी दी।
संबोधित करते हुए प्रोफेसर उप्पल ने कहा कि आज अत्यंत पावन दिन है। वसंत पंचमी, महात्मा गांधी का बलिदान दिवस, कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का जन्मदिन भी है। उन्होंने कहा कि आज जिस किताब का विमोचन किया है, वह बहुमूल्य जानकारी से परिपूर्ण है। यह किताब स्कूल, कालेजों और घरों में भी होना चाहिए। डॉ. उप्पल ने ग्राम सेवा समिति रोहना और निटाया द्वारा लगाये जाने वाले जैविक बाजार की जानकारी भी उपस्थित लोगों को प्रदान की। उन्होंने कहा कि जैविक बाजार में यह पुस्तक किसानों के लिए उपलब्ध करायेंगे। उन्होंने लोगों से जहरीली खेती छोड़ जहरमुक्त खेती अपनाने का सुझाव दिया। उन्होंने आमजन से भी आग्रह किया कि यदि वे जैविक खेती करने वाले किसान को फैमिली फार्मर बनाएंगे तो फैमिली डॉक्टर की जरूरत काफी कम हो जाएंगी।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी करन सिंह तोमर ने अपने स्वतंत्रता संग्राम के दिनों की याद करते हुए उन दिनों के अनेक संस्मरण सुनाये। उन्होंने बताया कि वे स्कूली दिनों से ही स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गये थे। श्री तोमर ने कहा कि आज का किसान पहले की तरह मेहनत नहीं करना चाहता है। यदि हम चाहें तो घर में ही घरेलू उपयोग के लायक सब्जियां गमलों में ही उगा सकते हैं। उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता आंदोलन में जेल जाने के बाद जब वे वापस लौटे तो खेती को ही अपनाया था। उन्होंने कहा कि घरों के आसपास विदेशी फैशनेबल पौधे लगाने की जगह देसी औषधीय पौधे लगायें। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों का शॉल एवं श्रीफल से सम्मान किया गया।