शहर की स्थापित एंकर विधि पचौरी जीवन में संघर्ष करते हुए आगे बढऩे के साथ ही जब भी सेवा का अवसर मिले मौका हाथ से नहीं जाने देने की हुनर रखती हैं। उनका कहना है कि यदि कुछ पल के लिए मेरे पास दुनिया की सारी शक्ति आ जाए तो मैं सर्वप्रथम विलुप्त होती मानवता का संरक्षण नारी के लिए करूंगी। उस हर नारी का अस्तित्व पुन: स्थापित करूंगी जिसको इस समाज ने छीन लिया है। मेरा कहने का तात्पर्य उस बहन, बेटी और मां से है जो आज अकेले अपने जीवन के साथ संघर्ष करते हुए अपने वजूद को तलाश रही है और इस निर्दयी समाज के साथ जी रही है। भ्रूण हत्या का विरोध, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और बेटी है तो कल है जैसे उच्च विचार रखने वाले हमारे ही बीच के लोग जब एक असहाय स्त्री जिसके जीवनसाथी की या तो मृत्यु हो जाती है या किसी कारणवश सामंजस्य ना होने के कारण वह अपने पति के साथ और परिवार के साथ नहीं रह पाती है तो क्यों इस समाज में उसे हेय दृष्टि से देखता है। मैं उन बहनों को समाज में स्थान दिलवाऊंगी जिनका विवाह के बाद स्वयं का कोई अस्तित्व नहीं होता। जिस घर में समाज में वह पलती है, बड़ी होती है, सपने देखती है उसी समाज से उसका बहिष्कार कर दिया जाता है। बस इसलिए कि उसका उपनाम बदल जाता है, घर बदल जाता है, परिवार बदल जाता है आखिर क्या है? एक औरत का अस्तित्व। यदि बेटी है तो कल है तो आज ही बेटी को बचाना और कठिन परिस्थितियों में उसका साथ देना अत्यंत आवश्यक है।
20 सितंबर को जन्मी विधि पचौरी ने बीएससी, बीएड तक शिक्षा प्राप्त की है। उनका मानना है कि जीवन जटिल है, लेकिन उससे उबरने के लिए स्वयं की ताकत को पहचाना और हमेशा आगे रहने के प्रयास करते रहो। कुशल संचालन क्षमता की धनी विधि पचौरी को कई अवार्ड मिले जिनमें श्रीमती शांतिदेवी महादेव पगारे स्मृति समिति और विपिन जोशी समिति से मिले कुशल संचालन का अवार्ड उल्लेखनीय हैं। वर्तमान में भाजपा में सोशल मीडिया प्रभारी श्रीमती पचौरी राष्ट्रीय महिला जागृति मंच की जिलाध्यक्ष हैं। वे हॉकी की नेशनल प्लेयर रही हैं और 7 स्टेट खेले हैं। सामाजिक कार्य और लोगों की मदद करना उनकी रुचि है।
Click to rate this post!
[Total: 0 Average: 0]
जीवन में संघर्ष कर अपनी पहचान बनाती श्रीमती विधि पचौरी

For Feedback - info[@]narmadanchal.com