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दो माह की सेवा के बाद सहायता ग्रुप ने लिया विश्राम

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हजारों लोगों को मिली ग्रुप से भूख मिटाने मदद
इटारसी। विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा के कुशल मार्गदर्शन में चल रहे राशन सहायता ग्रुप की सेवा प्रक्रिया आज से स्थगित कर दी गई है। बाजार खुलने के बाद और लोगों के काम पर लौटने के बाद इसे स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। विधायक डॉ. शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि जब भी राष्ट्र और समाज पर संकट आएगा, हम पुन: एक साथ एकजुट होकर काम करेंगे। विधायक डॉ. शर्मा ने आज ग्रुप के साथियों से मुलाकात करके उनकी सेवा भावना के प्रति उनको धन्यवाद दिया।
गौरतलब है कि विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा के मार्गदर्शन में लॉक डाउन प्रथम से ही उनके साथियों ने जरूरतमंदों को भोजन सहायता ग्रुप के नाम से भोजन उपलब्ध कराके इस सेवा प्रकल्प की शुरुआत की थी। इस दौरान हजारों पैकेट खाना जरूरतमंदों को प्रदान किया गया। न सिर्फ इटारसी शहर बल्कि आसपास के गांव से भी मांग आने पर इस ग्रुप ने खाना पहुंचाया। भाजपा नेता और श्री बूढ़ी माता मंदिर समिति के सचिव जगदीश मालवीय के नेतृत्व में निवृतमान पार्षद भरत वर्मा, गुरुप्रीत सिंघ सोनू बिन्द्रा और भाजपा के जिला मंत्री कल्पेश अग्रवाल, राकेश जाधव, अनिल जैन, पुरानी इटारसी से जयकिशोर चौधरी, मयंक मेहतो, पार्थ राजपूत, अभिषेक तिवारी, मनजीत कलोसिया के सहयोग से भोजन सहायता ग्रुप ने दोनों वक्त कोरोना के खतरों के बीच भी लोगों को भोजन पहुंचाया। इस दौरान ग्रुप के सदस्यों ने जोखिम उठाते हुए कंटेन्मेंट जोन में भी अपनी सेवा जारी रखी।

सेवा की, गिनती नहीं की
भोजन सहायता ग्रुप ने हजारों जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराया। जब इस विषय में विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा ने पूछा गया कि कितने लोगों को इस ग्रुप के माध्यम से सहायता मिली? तो उनको जवाब था, कि गिनती नहीं की है, जहां से भी मांग आयी या जरूरतमंदों की जानकारी मिली वहां ग्रुप के सदस्य भोजन या राशन लेकर पहुंच गये थे। विधायक डॉ. शर्मा ने कहा कि चूंकि अब बाजार भी खुल गये और लोग काम पर भी लौटने लगे हैं तो ऐसे में ग्रुप का यह कार्य निरस्त किया गया है, इस उम्मीद के साथ कि जब भी राष्ट्र पर संकट आएगा हम सब एकजुट होकर फिर से साथ खड़े होंगे। उन्होंने सभी साथियों को इस कार्य के लिए धन्यवाद दिया।

पहले भोजन फिर राशन
विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा के नेतृत्व में उनके साथियों ने लॉक डाउन प्रथम से भोजन सहायता ग्रुप के नाम से भोजन उपलब्ध कराया। लेकिन, जब शहर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का मिलना शुरु हुआ तो लगा कि अब भोजन पहुंचाना जोखिम भरा है, ऐसे में भोजन वितरण का काम बंद किया गया। शहर में एकमात्र यही ग्रुप था जो बड़ी संख्या में लोगों को भोजन का वितरण कर रहा था। हालांकि और भी ग्रुप थे, लेकिन इस ग्रुप के भोजन का काम बंद होने से लोगों को परेशानी होने लगी तो ग्रुप ने एक सप्ताह का राशन वितरण का काम प्रारंभ किया और इसके माध्यम से भी सैंकड़ों परिवारों को एक सप्ताह का राशन का किट वितरण किया गया।

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