होशंगाबाद। बीकोर के रिपेरियजन जोन का भ्रमण करते हुए कमिश्नर उमांकांत उमराव ने कहा कि वर्तमान में मां नर्मदा की स्थिति ऐसी है कि अगर 10 वर्ष भी इसमें पानी बचा रहा तो यह बड़ी बात होगी। 18 वर्षों में नर्मदा में सिर्फ एक तिहाई पानी बचा है। अपने सामने मां नर्मदा को सूखते देखने से बड़ा पाप हमारे जीवन में कोई नहीं हो सकता। श्री उमराव ने ग्रामीणों से बात करते हुए कहा कि अगर हम और आप मिलकर प्रयास करेंगे तो निश्चित रूप से नर्मदा को बचा पाएंगे। अगर मां नर्मदा अब नहीं बचेगी तो कभी नही बच जाएगी। हमें नर्मदा के संरक्षण के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाने होंगे साथ ही यह सुनिश्चित करना होगा कि वे पौधे जीवित रहें। वर्तमान स्थिति में नर्मदा की एक भी सहायक नदी में पानी नहीं बचा है। नर्मदा को बचाने हमें सहायक नदियों को पुनर्जीवित करना होगा तथा छोटे नालों एवं नदियों का गहरीकरण करना होगा। ग्रामीणों ने कमिश्नर को पौधों की सिंचाई के लिए बिजली की समस्या बतायी। कमिश्नर ने उन्हें आश्वस्त किया कि वे शीघ्र ही संबंधित अधिकारियों से चर्चा कर उक्त समस्या को हल करेंगे। रिपेरियन जोन में पौधों के संरक्षण के लिए जनभागीदारी योजना से फेंसिंग का कार्य प्रारंभ किया जा रहा है।
कमिश्नर श्री उमराव ने ग्राम डोंगरवाड़ा में फेंसिंग कार्य का जायजा लिया। उन्होंने मौके पर उपस्थित सीईओ जनपद एवं सरपंच को निर्देशित किया कि वे पटवारी के माध्यम से शासकीय भूमि का सीमांकन करायें तथा पूरे क्षेत्र को मार्क कर जानवरों से पौधों की सुरक्षा के लिए बेरीकैटिंग करें। उन्होंने कहा कि पौधों को जिन व्यक्तियों के जानवरों द्वारा नष्ट किया जाएगा उनके विरूद्ध दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी। इस अवसर पर जिला पंचायत के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी दीपक राय, जन अभियान परिषद के जिला संयोजक कौशलेश तिवारी, अन्य अधिकारी एवं ग्रामीण उपस्थित रहे।
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नर्मदा को सूखने देना सबसे बड़ा पाप है : उमराव
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