होशंगाबाद। नर्मदापुरम् संभाग कमिश्नर उमाकांत उमराव के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में होशंगाबाद एवं हरदा जिले में मां नर्मदा नदी के रिपेरियन जोन, तटवर्तीय क्षेत्र में लगाए पौधों की देखरेख हेतु विशेष प्रयास लगातार किए जा रहे हैं। पौधों की सुरक्षा के लिए तार फेंसिंग की जा रही है। जहां आवश्यकता है, वहां बागुड़ लगाई जा रही है ताकि पौधों की पशुओं से सुरक्षा की जा सके।
भीषण गर्मी में पौधे सूख या नष्ट ना हो जाएं इस हेतु पौधों की सिंचाई भी की जा रही है। कमिश्नर उमाकांत उमराव के नेतृत्व में 6 मार्च को नर्मदा नदी के सभी तटवर्तीय क्षेत्रों में प्रकृति रंगोत्सव का कार्यक्रम प्रात: 8 बजे से होगा। यह कार्यक्रम मां नर्मदा के सभी तटक्षेत्र के 68 ग्रामों में और शहर में होगा। प्रकृति रंग उत्सव कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है कि रिपेरियन जोन में लगाए पौधों की सुरक्षा हो इस हेतु सभी लोग जागरूक हों तथा मां नर्मदा के पुराने वैभव को पुन: वापस लाना है। संबंधित तट क्षेत्र के सरपंच, सचिव, नोडल अधिकारी, मेंटर्स, बीएसडब्ल्यू के छात्र-छात्राओं, प्रस्फूटन समिति के सदस्यों, सभी नर्मदा परिवार के सदस्यों, नर्मदा सेवा समिति के सदस्यों, पिं्रट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधियों, सभी समाज सेवियों, स्वयं सेवी संगठनों एवं समस्त विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारियों से आव्हान किया है कि वे नर्मदा पवित्र सर्वदा अभियान में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें।
ऐसा होगा प्रकृति रंग उत्सव
6 मार्च को नर्मदा नदी के रिपेरियन जोन में प्रात: 8 बजे से सभी संबंधित तट क्षेत्र में पौधों की सिंचाई कर पौधों की पूजा अर्चना करेंगे। पौधों की सुरक्षा हेतु सभी आवश्यक उपाए करेंगे तथा इस हेतु श्रम दान करेंगे, श्रमदान किया जाएगा। जो पौधे मृत हो चुके हैं उसके स्थान पर नए पौधे एवं बीजों का रोपण किया जाएगा तथा सभी लोग प्रकृति रक्षा का संकल्प लेंगे। जनअभियान परिषद के जिला संयोजक कौशलेश तिवारी ने कहा है कि सभी स्वप्रेरणा से भी कार्य करें। कुछ तट क्षेत्रों में हम वनस्पतियों को नहीं बचा पाए। अब हम मृत वनस्पतियों के स्थान पर नए पौधे लगाएंगे।
बैठक में बनेगी रूपरेखा
कमिश्नर ने कहा है कि प्रकृति रंग उत्सव के पूर्व ही सभी आवश्यक तैयारियां करने ग्राम पंचायतों में नर्मदा परिवार की बैठक कर पौधों की सुरक्षा की रणनीति तैयार कर ली जाए। सभी पौधों में नर्मदा परिवार सिंचाई करना सुनिश्चित करें। नर्मदा परिवार के सदस्य अपने-अपने आवंटित उपखण्ड में पौधों को तिलक लगाकर एवं पानी डालकर पौधों के साथ होली एवं रंगपंचमी मनाएं। नर्मदा परिवार को सक्रिय करने प्रेरक बनाया जाए साथ ही सप्ताह में एक दिन श्रमदान किया जाए। पौधों की सुरक्षा हेतु ग्रीन फेंसिंग, कटीली झाड़ी, बागुड़ एवं ट्रेच की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।