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नाबालिग से बलात्कार करने वाले को सश्रम कारावास

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इटारसी। पथरोटा थाना अंतर्गत गांव की एक बालिका को शादी का झांसा देकर बलात्कार करने वाले आरोपी को दस वर्ष का सश्रम कारावास और पंद्रह सौ रुपए का अर्थदंड अधिरोपित किया है। प्रकरण में पीडि़त पक्ष की ओर से पैरवी अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी एचएस यादव ने की।
श्री यादव के अनुसार मामला 7 मई 2015 का है जब नाबालिग बालिका के पिता ने थाना पथरोटा में शिकायत दर्ज करायी थी कि उसकी बड़ी बेटी जो कक्षा आठवी में पढ़ती है, उसे गांव का ही आदिवासी रोशन पिता शैतान सिंह भुसारे शादी का झांसा देकर अपने साथ ले गया है। पुलिस की जांच में आरोपी को गुजरात से गिरफ्तार कर नाबालिग को बरामद किया था।

ये था घटनाक्रम
6 मई 15 को नाबालिग अपने परिवार के साथ खाना खाकर घर में सोयी थी। उसके पिता की जब रात करीब 12 बजे नींद खुली तो लड़की बिस्तर पर नहीं थी और दरवाजे पर बाहर से ताला लगा था। पिता और परिजनों ने उसे तलाश किया तो वह नहीं दिखी। दूसरे दिन पिता ने पथरोटा थाने में शिकायत कर रोशन पिता शैतान सिंह के खिलाफ शादी का झांसा देकर ले जाने की शिकायत दर्ज करायी। नाबालिग के पिता का कहना था कि रोशन उसके घर का चक्कर काटता है और उसकी बेटी से शादी करने को कहता है।

गुजरात से बरामद किया
पथरोटा पुलिस ने नाबालिग के पिता के खिलाफ धारा 363, 366 के अंतर्गत शिकायत दर्ज करके जांच सहायक उपनिरीक्षक आरडी झाड़े को सौंपी। श्री झाड़े ने जांच के दौरान 8 जुलाई 16 को सनलैक्स फैक्ट्री कैंपस मोरबी गुजरात से नाबालिग को रोशन के कब्जे से एक कमरे से बरामद किया। आरोपी को गिरफ्तार कर दोनों का मेडिकल कराया। नाबालिग ने बताया कि रोशन ने उसे 6 मई की रात 11 बजे फोन करके घर से बुलाया और शादी का झांसा देकर इटारसी से औरंगाबाद, सनावद और गुजरात ले गया।

बार-बार किया बलात्कार
नाबालिग ने पुलिस पूछताछ में बताया कि रोशन ने उसके साथ बार-बार जबरदस्ती बलात्कार किया है। उसने अपने साथ हुई घटना का न्यायालय में समर्थन भी किया है। परीक्षण के दौरान न्यायालय ने आरोपी के निवेदन पर नाबालिग का प्रतिपरीक्षण रोका। कोर्ट में मामले के दौरान ही नाबालिग की बीमारी के चलते मौत हो गयी और उसका प्रतिपरीक्षण नहीं होने पर विधि अनुसार उसके कथन को विश्वसनीय मानते हुए एवं शेष साक्षियों से नाबालिग के कथन का समर्थन होने पर आरोपी के कृत्य को गंभीर माना।

आरोपी को कठोर दंड
न्यायालय ने अपनी टिप्पणी में कहा कि ऐसे अपराधों का समाज पर व्यापक नकारात्मक प्रभाव पडऩे से अवयस्क बालिकाओं अथवा महिलाओं में असुरक्षा की भावना उत्पन्न होने का मानते हुए आरोपी को कठोर दंड से दंडित किया। न्यायालय ने आरोपी रोशन भुसारे को मामले में दस वर्ष का सश्रम कारावास, 15 सौ रुपए अर्थदंड अधिरोपित किया है। न्यायाधीश द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती प्रीति सिंह ने अपने निर्णय में कहा है कि आरोपी से मिलने वाले अर्थदंड को नाबालिग के पिता को सौंपा जाए।

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