इटारसी। जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाले रेलवे कर्मचारियों का समूह वर्तमान में पक्षियों का जीवन संवारने में जुटा है। इसके लिए यह पर्यावरण प्रेमी कार्यकर्ता चिडिय़ा के घोंसले बनाकर पानी के सकोरे के साथ जगह-जगह लगा रहे हैं और अन्य लोगों को भी नि:शुल्क वितरित कर रहे हैं।
रेलवे विभाग के बड़े-बड़े पदों पर बैठे ये पर्यावरण प्रेमी जल संरक्षण के साथ ही अब पक्षी प्रेम में जुट गये हैं। भीषण गर्मी के दौर में छोटी प्रजाति के पक्षी चिडिय़ा का जीवन संवारने के लिए इनके समूह ने पांच सौ सकोरे बनवाये हैं और इतनी ही मात्रा में लकड़ी के घोंसले स्वयं बना रहे हैं जिन्हें वह स्वयं जाकर वृक्षों व भवनों पर लगाते हैं और वचहां रहने वाले लोग उक्त सकोरे में निरंतर पानी भरते रहने का निवेदन करते हैं। इस पक्षी सेवा के सूत्रधार एवं पर्यावरण प्रेमी विनोद चौधरी स्टेशन मास्टर परिचालन से जब चर्चा की गयी तो उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में चिडिय़ाओं का प्रजननकाल होता है अत: उन्हें अच्छा घर रूपी घोसला और उसके पास ही पानी की व्यवस्था मिले तो उनका जीवन संवरता है और उनकी संख्या में भी विस्तार होता है।
इसी पक्षी सेवा कार्य में जुटे एक और वरिष्ठ रेल कर्मी दिवाकर कुमार ने कहा कि पक्षी है तो पर्यावरण है। इसी सोच को ध्यान में रखकर यह कार्य कर रहे हैं। उपरोक्त पर्यावरण संरक्षण अभियान में करीब 20 से अधिक युवा रेल कर्मचारी भी प्रतिदिन सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। इन्हीं में से एक रामकुमार कुर्मी ने बताया कि श्री चौधरी के इस पर्यावरणमयी कार्य ने हमें भी प्रेरणा दी है। पशु पक्षियों की सेवा एवं जल संरक्षण के लिए काम करने की जिसे हम निरंतर कर रहे हैं। पर्यावरणप्रेमी विनोद चौधरी ने जल संरक्षण एवं पर्यावरण संरक्षण की सामग्री का निर्माण करने में अपने घर व परिवार को भी समर्पित कर रखा है और उनके इस कार्य में उनके दो छोटे बच्चे अनुष्का एवं आयुष चौधरी से जब पूछा गया कि आपका पूरा घर चिडिय़ा के घोंसले जैसा ही हो रहा है। आपको कैसा लगता है तो उन्होंने कहा कि अच्छा लगता है। जैसे हमारा जीवन है, वैसे ही पक्षियों का भी होना चाहिए।