इटारसी। पोला अमावस्या का पर्व 30 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन हिन्दु धर्म के प्रतीक गौवंशीय बैलों की पूजा होगा। अत: सुंदर-सुंदर स्वरूप में बैल की प्रतिमाएं बाजार में विक्रय हेतु आ चुकी हैं।
भादौ मास की अमावस्या का हिन्दु संस्कृति में बड़ा महत्व है। इस दिन हमारे कृषि प्रधान देश में बैलों की पूजा की जाती है। चूंकि बैलों की महत्वता कृषि में महत्वपूर्ण मानी गयी है। अत: शुक्रवार को होने वाली बैल पूजा के लिए मूर्तिकारों ने बैलों की प्रतिमाएं तैयार कर ली हैं जो बाजार में बिकने के लिए आ गयी हैं। इस बैल पूजा को लेकर पंडित मुरारी उपाध्याय ने बताया कि धर्म के प्रतीक बैलों की पूजा के साथ ही इस दिन ब्राह्मणों के द्वारा कुश पूजा की जाती है। अत: भादौ मास की अमावस्या को पोला अमावस्या के साथ ही कुश अमावस्या भी कहा जाता है।
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पोला पर शुक्रवार को होगी बैलों की पूजा
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