सर्दी, खांसी, बुखार या अन्य मरीज नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जांच कराएं
होशंगाबाद/इटारसी। प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य (principal secretary Helth) एवं परिवार कल्याण फैज अहमद किदवई (faiz ahmed kidwai) ने गुरुवार को जिला चिकित्सालय सहित इटारसी के सिविल अस्पताल (Civil Hospital) का निरीक्षण किया। दोनों जगह पर उन्होंने फीवर क्लीनिक, (fever clinic) डीसीएचसी (DCHC) , कोविड-19 आईसीयू (covid-19 ICU) , पैथेलॉजी (Pathology), ओटी, आईसोलेशन वार्ड (isolation ward) का निरीक्षण किया।
जिला चिकित्सालय में भर्ती मरीज, सर्जरी, डायलिसिस, आयुष्मान भारत (Ayushman Bharat) व कैंसर मरीजों की विस्तार से जानकारी ली। श्री किदवई ने निरीक्षण के दौरान मौसमी बीमारियों से संक्रमित तथा सर्दी, खांसी, बुखार के मरीजों का उपचार निरंतर किये जाने के निर्देश चिकित्सकों को दिये। उन्होंने संभावित कोविड-19 के रोगियों की उचित जांच उपरांत सेम्पलिंग किये जाने के निर्देश दिये। श्री किदवई ने कोविड सेंटर पवारखेड़ा का निरीक्षण किया और भर्ती मरीजों को नियमित दवा एवं पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के निर्देश दिये और सेंटर की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। श्री किदवई इसके पश्चात डॉ.एसपीएम हॉस्पिटल इटारसी (Dr.SPM Hospital Itarsi) पहुंचे, यहां पर उन्होंने फीवर क्लीनिक, ट्रयूनॉट लैब का निरीक्षण किया और कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों के टेस्ट की जानकारी ली।
श्री किदवई ने अपने भ्रमण के दौरान फीवर क्लीनिक में कार्यरत चिकित्सा अधिकारियों एवं अन्य कर्मचारियों को निर्देशित किया कि वे मरीजों की जांच एवं उपचार में किसी भी तरह की कोताई न बरतें। उन्होंने जिले के आमजनों से भी अनुरोध किया कि वे अपने घर या आसपास या ग्राम में कोई भी व्यक्ति सर्दी, खांसी, बुखार या अन्य बीमारी से ग्रसित है, तो अनिवार्य रूप से नजदीकी स्वास्थ्य संस्था में जाकर जांच कराकर उपचार लेकर शासन एवं प्रशासन को सहयोग प्रदान करें। श्री किदवई के भ्रमण के दौरान कलेक्टर धनंजय सिंह (Collector Dhananjay Singh), सीएमएचओ डॉ.सुधीर जैसानी (Cmho Dr. Sudheer Jaisani) , डॉ.एसपीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ.एके शिवानी (Dr.Ak Shivani) भी उनके साथ रहे।
क्या देखकर गए स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव ? क्या उन्होंने इटारसी के श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल के अधीक्षक डॉ ए के शिवानी से पूछा कि इटारसी में कोरोना के संक्रमितों की संख्या इतनी कैसे बढ़ गयी ? टेस्टिंग की क्या स्थिति है ? बिजली जाने पर टेस्टिंग / सेम्पल की प्रक्रिया क्यों रोक दी जाती है ? बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था अब तक क्यों नहीं की गई ? क्या इतने बड़े अस्पताल में चिकित्सा की कोई सुविधा नहीं है जो मरीजों को भोपाल रेफर कर के अपनी जिम्मेदारी से पीछा छुड़ा लिया जाता है ? यदि अस्पताल में सुविधाएं नहीं हैं तो डॉ शिवानी ने अब तक इसके लिए प्रयास क्यों नहीं किये ? जिला स्तर और राजधानी स्तर के अधिकारी आते हैं और तफरीह कर के चले जाते हैं । स्थिति जस की तस है । वह दिन भी दूर नहीं जब हम मुरैना , इंदौर , उज्जैन , खंडवा के बराबर जा खड़े होंगे । यही इस शहर का दुर्भाग्य है ।