इटारसी। जल आवर्धन योजना के पानी से शहर की प्यास बुझाने के प्रयासों को समय-समय पर झटका लगता रहता है। अभी पूरी तरह से इस योजना से पेयजल की सप्लाई सुचारू नहीं हो सकी है। लेकिन बार-बार इसकी पाइप लाइन लीकेज होने से लोगों की प्यास भले नहीं बुझ रही हो, खेतों की सिंचाई अवश्य होने लगी है।
इटारसी-बाबई बायपास पर सड़क किनारे एक झीलनुमा खंती में बड़ी मात्रा में पानी एकत्र हो रहा है। दरअसल, इस जगह पर जल आवर्धन योजना की पाइप लाइन लीकेज से यह पानी बह रहा है। माना तो यह भी जाता है कि सिंचाई के वक्त लीकेज की समस्या आती है। संदेह जताया जाता है कि कतिपय लोग ही इस लीकेज के जिम्मेदार होते हैं। दरअसल, यहां लीकेज से यह पानी किसान अपने खेतों में ले जा रहे हैं। यह पानी शहर को पीने के लिए सप्लाई किया जाता है। इस योजना में शासन ने करीब 25 करोड़ रुपए खर्च किए हैं और इसे मूर्तरूप देने के लिए 12 से 15 वर्ष का वक्त लग गया। उसके बावजूद इस योजना से अभी शहर इटारसी की पेयजल आपूर्ति भले ही नहीं हो रही हो लेकिन खेतों की सिंचाई अवश्य हो रही है। इस योजना के अंतर्गत पूर्व की कांग्रेस शासित नगर पालिका ने जो पाइप खरीदे थे, उसकी गुणवत्ता पर बार-बार होने वाले लीकेज सवाल उठा रहे हैं। बताते हैं कि जरा सा प्रेशर पड़ते ही पाइप लाइन में क्रेक आ जाता है। करीब आधा दर्जन बार शहर में विभिन्न स्थानों पर लीकेज आ चुके हैं और पांजराकलॉ-धौंखेड़ा के मार्ग पर भी लीकेज हो रहे हैं जिससे पानी का पूरा हिस्सा शहर को नहीं मिल पा रहा है।
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फिर लीकेज हुई पाइप लाइन
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