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बच्चों की सुरक्षा के लिए आयोजित बैठक में ही नहीं पहुंचे पालक

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बच्चों की सुरक्षा जरूरी, नहीं दी जा सकती रियायत
इटारसी। जिनके बच्चों की सुरक्षा के लिए जनप्रतिनिधि, प्रशासन, स्कूल प्रबंधन और वाहन चालक बैठक करके चिंता कर रहे हैं, वे पालक ही आज विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सीतासरन शर्मा द्वारा रेस्ट हाउस में बुलाई बैठक में नहीं पहुंचे। केवल एक पालक ने बैठक में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी। बैठक में स्कूल संचालक, वाहन चालक, प्रशासन और राजनीतिक दलों के सदस्य पहुंचे थे। बैठक में एसडीएम आरएस बघेल, टीआई विक्रम रजक, सीएमओ अक्षत बुंदेला, वरिष्ठ नागरिक एके शुक्ला, सभापति जसबीर सिंघ छाबड़ा, जयकिशोर चौधरी, दीपक अठौत्रा, टै्रफिक इंचार्ज जय नलवाया भी मौजूद थे।
शाम 4 बजे शुरु हुई बैठक में सबको अपनी बात रखने का अवसर दिया गया। सबसे पहले विस अध्यक्ष डॉ. शर्मा ने स्कूलों के संगठन के अध्यक्ष शिव भारद्वाज को स्कूलों की तरफ से बात रखने को आमंत्रित किया। श्री भारद्वाज ने बताया कि इससे पहले एक बैठक हुई थी जिसमें वाहन चालकों को सारे नियम बता दिए थे, साथ ही ओवरलोडिंग नहीं करने को कहा था। वाहन चालकों ने अपने खर्च बताए थे। पुलिस अधिकारियों ने भी कानूनी बातें बतायीं थीं। वाहन चालकों की तरफ से किराया बढ़ाने की बात सामने आयी थी, जो इस बैठक में भी आयी। उन्होंने कहा कि कई प्रकार की परेशानियां हैं, लेकिन बीच का कोई रास्ता निकाला जाना चाहिए।

स्कूल संचालकों ने रखी बात
स्कूल संचालकों की ओर से प्रायवेट स्कूल एसोसिएशन के नगर अध्यक्ष प्रशांत जैन ने बात रखी। उन्होंने वैन संचालकों की बात भी रखी। उन्होंने कहा कि टैरिफ बहुत कम है, हमें घाटे में संचालन करना पड़ता है। हमें केवल दस माह का टैरिफ देना है, खर्च पूरे साल का होता है। एक वर्ष में वाहनों पर करीब सवा लाख का नुकसान होता है। हम यदि 50 रुपए प्रतिमाह भी बढ़ाते हैं तो पालक विरोध करते हैं। पैसे बचाने के मामले में कई पालक सुरक्षा के मुद्दे को भी नजरअंदाज करते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि क्षेत्रवार किराया तय होना चाहिए। आलोक गिरोटिया ने कहा, शहर में सीसीटीवी कैमरा लगें तो बहुत मदद मिलेगी। इसके लिए जरूरत हो तो स्कूल संचालकों से भी आर्थिक सहयोग लिया जा सकता है। संदीप तिवारी ने कहा, जो स्कूल संचालक वाहन नहीं रखते, उनको पुलिस की ओर से दबाव न बनाया जाए, हमारा केवल पढ़ाने का जिम्मा है।

वाहन चालकों/पालक की राय
हम लोगों की स्थिति काफी जटिल है। जितनी आय नहीं होती है, उससे अधिक परेशानी उठानी पड़ती है। हमारे लिए परिवार चलाना काफी मुश्किल हो रहा है, उस पर पिछले कुछ दिनों से प्रशासन और पुलिस की तरफ से ये दबाव बन रहा है। डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ रहे हैं, सीएनजी की सुविधा यहां है, नहीं। मजबूरी में कुछ अधिक बच्चे वाहन में बिठाना पड़ते हैं। उन्होंने बताया कि एक वैन में 16-18 बच्चों को बिठाना मजबूरी है। बैठक में उपस्थित एकमात्र पालक मुकेश मैना ने अपनी बात रखी। उनका कहना था कि कुछ स्कूल हैं, जहां दूर-दूर से बच्चे आते हैं, गाडिय़ों में जीपीएस होना जरूरी है। स्कूल की भी जिम्मेदारी होना चाहिए। वाहनों में भेड़ों की तरह बच्चों को भरा जाता है, कुछ स्कूलों के पास ट्रैफिक की स्थिति काफी खराब है, यहां भी असुरक्षा की भावना पालक के मन में आती है, हमारे बच्चे तो आपके ही भरोसे होते हैं।

प्रशासन का स्पष्ट दृष्टिकोण
प्रशासन की ओर से एसडीओपी अनिल शर्मा ने बात रखी। उन्होंने कहा कि इंदौर में हुई घटना के बाद से जो गाइड लाइन तय की है, उसका पालन करना ही होगा। किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं हो, कानून का पालन करना सबकी जिम्मेदारी है, मजबूरी नहीं। बच्चे आपके भी हैं, हम सभी के हैं, वे ही हमारी संपत्ति होते हैं, उनकी सुरक्षा हम सबकी जिम्मेदारी है। रास्ते में वाहन चालक, स्कूल में संचालक की जवाबदारी होती है। घटना होने के बाद पालकों का रोष रुकता नहीं है। ओवरलोडिंग नहीं होना चाहिए। गाड़ी के वजन से अधिक वजन नहीं होना चाहिए। रही बात किराया बढ़ाने की तो उसमें पालक और वाहन चालक आपस में तय कर लें, प्रशासन इसमें सहमत रहेगा। पालकों को भी चाहिए कि अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए यदि किराया बढ़ाना पड़े तो वे इसे बढ़ाए, आखिर बच्चों की सुरक्षा जरूरी है। वाहन चालक सुरक्षा के सारे इंतजाम रखें।

विधानसभा अध्यक्ष ने रखी बात
विस अध्यक्ष डॉ.शर्मा ने कहा, स्कूल संचालक, वाहन चालक और पालकों की एक बैठक जल्द करें। पालकों को प्रशासन और जनप्रतिनिधि की मंशा बता दें। आज पालकों के नहीं आने का आश्चर्य हुआ। कल से ही नियमों का पालन करना अनिवार्य है, बारिश के दिन हैं, नियमों में छूट नहीं दी जा सकती। वाहन चालक टाइम मिलाने के लिए तेज वाहन नहीं चलाएंगे, चाहे बच्चे का स्कूल क्यों न छूट जाए।

ये भी मिले निर्देश
• ओवरलोडिंग की अनुमति नहीं दी जाएगी। कल से ही नियमों का पालन करना होगा
• किराया बढ़ाने पर सहमति, इसके लिए दूरी और क्षेत्रवार किराया तय करने की राय
• वाहन चालक की साइड वाली सीट पर किसी को भी बिठाने की अनुमति नहीं होगी
• वाहनों में बच्चों की सुरक्षा और सुविधा के सारे इंतजाम अनिवार्य रूप से करना होगा
• बारिश के समय पुलिया, पुल, रपटों पर से पानी बहता हो, तो वाहन नहीं निकालेंगे
• पालकों के साथ जल्द ही बैठक करके किराया और अन्य जरूरी बातें तय की जाएंगी
• पालकों से अपेक्षा व्यक्त की गई है कि वे वाहन के समय पर बच्चों को तैयार रखें
• स्कूलों वाहन चालकों का एक ग्रुप बनाकर स्कूलों के हिसाब से वाहन तय कर दें
• दो स्कूलों के बीच टाइम में एक घंटे का वक्त हो तो ही दो स्कूल के लिए काम करें

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