इटारसी। कोतवाली पुलिस ने 10 जनवरी को हुई आईडीएफसी फस्र्ट बैंक के एजेंट से हुई लूट के आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त कर ली है। घटना के अनुसार आईडीएफसी फस्र्ट बैंक का एजेंट महेन्द्र परसवार दोपहर करीब 1 बजे समूह लोन की किश्तों का संग्रहण कर बीटीआई रोड से बालागंज तरफ आ रहा था तभी एक सिल्वर काले रंग की बिना नंबर की एक्टिवा पर सवार दो अज्ञात बदमाशों ने चाकू दिखाकर उससे 80, 850 रुपए बैग सहित लूटकर फरार हो गये थे। फरियादी की रिपोर्ट पर थाना कोतवाली होशंगाबाद में प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था। घटना की गंभीरता को देखते हुए एसपी एमएल छारी ने एडिशनल एसपी घनश्याम मालवीय के निर्देशन में जांच दल का गठन किया था।
कोतवाली टीआई विक्रम रजक ने टीम के साथ प्रकरण की विवेचना करते हुए आरोपियों की तलाश के प्रयास किये। तकनीकि रूप से साक्ष्य एकत्र किये और मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया। गोपनीय सूचनाओं के आधार पर संदेही दुर्गेश पिता मोहनलाल केवट 19 वर्ष, निवासी बीटीआई होशंगाबाद को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल करते हुए बताया कि उसने अपने दो साथी नितिन पिता कमल किशोर केवट 20 वर्ष, निवासी बीटीआई और आकाश यादव पिता मोहनलाल यादव 20 वर्ष, निवासी बीटीआई होशंगाबाद के साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से महेन्द्र से 80,850 रुपए मय बैग लूटे थे। इसके बाद पुलिस ने दो आरोपियों नितिन और आकाश को भी हिरासत में ले लिया। उन्होंने भी अपना जुर्म कबूल किया। कोतवाली पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर, घटना में प्रयोग की गई स्कूटी, नगद रुपए, बैग, टेबलेट, चाकू, प्रार्थी के दस्तावेज आदि बरामद किये। तीनों को ज्यूडिशियल रिमांड पर कोर्ट में पेश किया।
एसपी ने की ईनाम की घोषणा
पुलिस द्वारा एक माह से भी कम समय में इस घटना का खुलासा कर आरोपियों की गिरफ्तारी में जांच दल को पुरस्कृत करने की घोषणा की है। मामले का खुलासा करने में जांच दल में शामिल एसडीओपी मोहन सारवान, टीआई विक्रम रजक, एसआई सुनील घावरी, एएसआई संजय पांडे, प्रधान आरक्षक मनोज सिंह, आरक्षक आशीष गीते, वीरेन्द्र श्रीवास्तव, प्रीतम बावरिया, अंकित धनगर, रवि, विशाल, महेन्द्र टेकाम, मेहरबान सिंह, चेतन नरवरे और वैभव श्रीवास्तव की मुख्य भूमिका रही।