इटारसी। सावन का मास प्रारंभ होते ही परंपरानुसार इस वर्ष भी श्री दुर्गा नवग्रह मंदिर में एक माह तक निरंतर भगवान शिव के पार्थिव शिवलिंग का पूजन एवं अभिषेक किया जाएगा। प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से श्मशान की मिट्टी, सात पवित्र नदियों के जल और अरब सागर के पानी से भगवान शिव का पार्थिव स्वरूप तैयार किया जाता है। मुख्य आचार्य पं. विनोद दुबे भगवान शिव के पार्थिव स्वरूप को प्रतिदिन स्वंय बनाते हैं। पूजन, रूद्राभिषेक उपस्थित यजमानों से कराते हैं।
शहर की धार्मिक महिलाएं एवं पुरूष इस धार्मिक आयोजन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं एवं भक्तों की भारी भीड़ पूरे एक माह तक दुर्गा नवग्रह मंदिर में होती है। अनुष्ठान के इस महा पर्व पर मुख्य आचार्य पं. विनोद दुबे ने कहा कि भगवान शंकर की पूजन एवं अभिषेक करने से सभी कष्ट दूर हो जाते है एवं मनवांछित फलों की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि अभ्यंकर, प्रलयंकर, आशुतोष, औघड़दानी, त्रिनेत्रधारी बाबा भोलेनाथ को भांग और धतूरा अतिप्रिय है एवं भगवान के शीश पर बिलपत्र एवं अकाओ का फूल चढ़ाया जाता है, जो उन्हें अतिप्रिय है।
मुख्य आचार्य पं. विनोद दुबे ने कहा कि सावन मास में भगवान शिव की भक्ति से विशेष फल प्राप्त होता है और इसी मास में भगवान प्रसन्न होते है। उन्होंने कहा कि इस पूरे सावन मास में चार सोमवार और चार मंगलवार आ रहे है। शिव पुराण के अनुसार यह माह सुख शांति देने वाला होता है। भगवान शंकर कैलाश पर्वत विचरण करने के लिए सृष्टि पर आते है। उन्होंने कहा कि शिव और पार्वती दोनों ही अपने भक्तों को सभी प्रकार के कष्टों को हर लेते है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मास भर गरीबों को भोजन कराया जाना चाहिए एवं वस्त्र दान सहित सभी प्रकार के दान करना चाहिए।
श्री दुर्गा नवग्रह मंदिर लक्कडग़ंज में भगवान शिव की आराधना पूरी एक माह तक चलेगी इस हेतु समिति ने सभी व्यवस्थाएं की है। तथा प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से सांयकाल 5 बजे तक यह धार्मिक आयोजन किया जाता है। मुख्य आचार्य पं. विनोद दुबे के साथ पं. सत्येन्द्र पांडे एवं पं. पीयूष पांडे पार्थिव शिवलिंग पूजन में पूर्ण सहयोग कर रहे है।
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भगवान शंकर अपने भक्तों की हर संभव मदद करते हैं : दुबे
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