इटारसी। कृषि उपज मंडी समिति का कार्यकाल आज खत्म हो गया। आज से मंडी का प्रशासन एसडीएम ने भारसाधक अधिकारी के तौर पर ले लिया है। सोमवार को दोपहर एसडीएम वंदना जाट ने मंडी कार्यालय पहुंचकर कार्यभार ग्रहण किया। सचिव सुनील गौर ने एसडीएम को कार्यभार ग्रहण कराया। इस दौरान निवृतमान अध्यक्ष विक्रम सिंह तोमर, विधायक प्रतिनिधि देवेन्द्र पटेल सहित कृषि उपज मंडी के अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
कृषि उपज मंडी आज से प्रशासक के हाथ में आ गयी है। अब यहां किसानों के द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों का शासन नहीं रहेगा। दरअसल, कृषि उपज मंडी समिति का कार्यकाल करीब एक वर्ष पूर्व ही पूर्ण हो चुका था, लेकिन शासन ने दो बार छह-छह माह के लिए कार्यकाल बढ़ा दिया था। नियम से दो बार से अधिक कोई कार्यकाल नहीं बढ़ाया जा सकता था, अत: अब मंडी का प्रशासन एसडीएम के हाथों में आना था और इसकी तारीख 7 जनवरी तय थी। एसडीएम वंदना जाट ने आज नायब तहसीलदार एनपी शर्मा के साथ मंडी कार्यालय में पहुंचकर कार्यकाल ग्रहण किया।
इस दौरान मीडिया से चर्चा में श्रीमती जाट ने कहा कि वे पहले यहां चल रहे कार्यों को समझेंगी और फिर उसी के अनुसार आगे काम किया जाएगा। जो काम चल रहे हैं, उनको निरंतर रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि मंडी की जरूरतों के अनुसार काम करेंगे और किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए कोई परेशानी न हो, इसका ध्यान रखा जाएगा। इधर करीब तीन वर्ष का कार्यकाल पूर्ण करके आज निवृत हुए निवृतमान अध्यक्ष विक्रम तोमर ने कहा कि वे पहले भी किसानों के हित की लड़ाई लड़ते रहे हैं और जब अध्यक्ष का कार्यभार संभाला तो किसान हित में ही काम किए हैं। उनकी अपेक्षा है कि जो काम उन्होंने प्रारंभ किए हैं और जो अब भी जारी हैं, वे चलते रहें, और जो वे नहीं कर पाए हैं, जैसे किसानों के लिए भुगतान केन्द्र बनना जरूरी है, इसे बनाया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि उन्होंने इसके लिए एक तीन मंजिला भवन वर्तमान सचिव आवास के साइड से बनाने की योजना तैयार की थी ताकि उसमें व्यापारियों के भुगतान केन्द्र हों और साथ में बैंकों के एक-एक काउंटर भी खुलें। किसानों को मंडी में उसकी उपज का भुगतान हो जाए।
निवृतमान अध्यक्ष ने रखी मांग
कृषि उपज मंडी समिति के निवृतमान अध्यक्ष विक्रम तोमर ने इस अवसर पर भारसाधक अधिकारी श्रीमती वंदना जाट के समक्ष मांग रखी कि किसानों को उपज बेचने के वक्त कम से कम पचास हजार की राशि नगद प्रदान की जाए। अभी जो नियम है, उसके अनुसार केवल दस हजार रुपए ही देने का प्रावधान है, लेकिन यह राशि काफी कम है। यहां के व्यापारी भी पचास हजार तक देने को तैयार हैं, अत: पचास हजार रुपए देने की व्यवस्था करायी जाए। इसके अलावा उनके कार्यकाल के जो काम मंडी परिसर में चल रहे हैं, उनको जल्द से जल्द पूरे कराए जाएं।
मंडी में 34 वा पदभार
एसडीएम वंदना जाट ने मंडी में भारसाधक अधिकारी के रूप में जो पदभार लिया है, वह 34 वा है। मंडी में पहले भारसाधक अधिकारी वायडब्ल्यू वापट थे जिन्होंने 9 मई 1968 में पदभार ग्रहण किया था। श्रीमती जाट से पहले यहां तत्कालीन एसडीएम राजकुमार खत्री 18 अक्टूबर 12 से 6 जनवरी 13 तक भारसाधक अधिकारी थे। उनके बाद यहां अध्यक्षीय कार्यकाल चलता रहा था। यदि प्रशासन के तौर पर देखा जाए तो श्रीमती वंदना जाट कृषि उपज मंडी के अब तक के कार्यकाल की 13 वी भारसाधक अधिकारी हैं।