होशंगाबाद। आज मध्य प्रदेश शिक्षक संघ की होशंगाबाद इकाई द्वारा कलेक्टर महोदय के प्रतिनिधि तहसीलदार होशंगाबाद ज्योति टोक को भारत के प्रधान मंत्री, मानव संसाधन विकास मंत्री, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री को 30 बिन्दुओ का मांग पत्र सौंपा गया। मांग पत्र में स्वायत माध्यमिक शिक्षा आयोग का गठन केंद्र एवं राज्य स्तर पर किया जाए, सकल घरेलू उत्पाद ( जी•डी•पी• ) का 10% केंद्र सरकार द्वारा एवं राज अपने बजट का 30% शिक्षा पर व्यय सुनिश्चित करें, केंद्रीय शिक्षकों के समान सातवें वेतन आयोग की संस्तुति के आधार पर सभी राज्यों में शिक्षकों को वेतनमान एवं सभी तरह के देय भत्ते समान रूप से दिया जाए और छठवें एवं सातवें वेतनमान में उत्पन्न विसंगतियों को तत्काल दूर किया जाए, नई पेंशन योजना को वापस लिया जाए और फोनः पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए ताकि सेवानिवृत्ति उपरांत शिक्षक आर्थिक रूप से स्वतंत्र रह सके, इस समय देश के सभी राज्यों में माध्यमिक शिक्षकों एवं संस्था प्रधान के हजारों पद रिक्त पड़े, अतः नियमित नियुक्ति की प्रक्रिया तेज की जाए ताकि शिक्षक गुणवत्ता स्थापित की जा सके, माध्यमिक विद्यालय में पढ़ाई जाने वाली व्यवसायिक, शारीरिक शिक्षा एवं कम्प्यूटर शिक्षा के लिए शिक्षकों की नियुक्ति की जाए, समान कार्य समान वेतन मान के सिद्धांत का पालन करने हेतु राष्ट्रीय नीति निर्धारित की जाए तथा संपूर्ण देश में समान सेवा शर्तें एवं अन्य सुविधाओं में एकरूपता लाई जाए एवं वेतन प्रतिमाह 1 तारीख को खाते में जमा हो सुनिश्चित किया जाए, माध्यमिक शिक्षा में निजीकरण की आड़ में बढते व्यापारी को रोका जाए, शिक्षकों को केंद्रीय शिक्षकों की भांति चिकित्सा भत्ता, अस्पतालों में भर्ती की सुविधा प्रदान की जाए, समग्र शिक्षा अभियान में राजकीय एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों में भेदभाव न करके उनको समान सुविधा दी जाए, संपूर्ण देश में शिक्षकों को सेवानिवृत्त आयु एक समान 65 वर्ष की जाये, शिक्षा केडर बनाया जाए, पदोन्नति प्रक्रिया को सरल बनाया जाए एवं समय बद्ध किया जाए, चाइल्ड केयर लीव के स्थान पर फैमिली केयर लीव की सुविधा दी जाए, शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत छात्र शिक्षक अनुपात 3 : 1 के स्थान पर कक्षा बार किया जाए, स्व वित्त पोषित शिक्षा संस्थान की कुल आय का 80% शिक्षकों के वेतन पर खर्च किया जाए, संपूर्ण शिक्षा एक ही मंत्रालय के अधीन हो, जीपीएफ में जमा धनराशि से ऋण बैंक में जमा धन की तरह आहरण का प्रावधान किया जाए, सीसीई (ग्रेडिंग सिस्टम) हटाया जाए, उच्च योग्यता धारी शिक्षकों को अतिरिक्त वेतन वृद्धि दी जाए,सभी प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में एक पद प्रधान पाठक का अवश्य रखा जाए, शासकीय सेवा के पूर्व या की सेवा के दौरान जिन शिक्षकों ने B.Ed D.Ed का प्रशिक्षण प्राप्त किया है उन सभी को अग्रिम वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाए, सभी ग्रीन कार्ड धारक शिक्षकों को वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाए चाहे उन्होंने नसबंदी ऑपरेशन सेवा में आने के पूर्व किया हो या सेवा में रहते हुए करवाया हो, जिन शिक्षकों की नियुक्ति गुरुजी के पद पर हुई थी उन शिक्षकों को वरिष्ठता का लाभ नियुक्ति दिनांक से दिया जाए, अध्यापक संवर्ग को शिक्षा विभाग में संविलियन किया गया है परंतु IFMIS पर डाटा ट्रांसफर नहीं किया गया है और न ही ट्रेजरी कोड आवंटन किया गया है जिससे प्रत्येक माह वेतन भुगतान बिलम्ब से होता है इसे किया जाये, शिक्षकों की वरिष्ठता सूची जारी की जाए, शिक्षकों की सेवा अवधि 12 वर्ष 24 वर्ष 30 वर्ष हो गई है ऐसे सभी शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ दिया जाए, जनजाति कार्य विभाग में अभी तक 30 वर्ष की सेवा अवधि के शिक्षकों को लाभान्वित नहीं किया गया है ,डीडीओ को पावर विकासखंड स्तर पर है जिसके कारण IFMIS पर कार्य हेतु विकास खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर निर्भर रहना पडता है कृपया संकुल स्तर पर क्रियेटर के लागिन पासवर्ड प्रदान करें ताकि संकुल स्तर से कार्य किये जा सके एवं विकास खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय संकुल के कार्य को वेरीफायर कर कार्य को आगे भेजे, साफ्टवेयर की गडबडी के कारण शिक्षकों की राशि खातों में ट्रांसफर नहीं हो पा रही है जिससे शिक्षकों को समय पर राशि प्राप्त नहीं हो रही है कृपया सॉफ्टवेयर व्यवस्थित ठीक किया जाए आदि बिंदु शामिल हैं।
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मप्रशिसं ने 30 बिन्दुओ का मांग पत्र सौंपा
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