महिला किसानों का सम्मान, जिले के नेता और जनप्रतिनिधि पहुंचे पथरोटा

Post by: Manju Thakur

सांसद ने दी जैविक खेती की तरफ जाने की सलाह
इटारसी। प्रधानमंत्री के हाथों कृषि कर्मण अवार्ड पाने वाली दोनों महिला किसानों का सम्मान सोमवार की शाम को पथरोटा में आयोजित एक समारोह में किया गया। कार्यक्रम में बतौर अतिथि सांसद राव उदयप्रताप सिंह, होशंगाबाद विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा, सोहागपुर विधायक विजयपाल सिंह, सिवनी मालवा विधायक प्रेमशंकर वर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष कुशल पटेल, पूर्व मंत्री विजय दुबे काकूभाई, कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष जसपाल सिंघ भाटिया, जिला पंचायत सदस्य विजय चौधरी, चंद्रगोपाल मलैया, हरि पटेल, दीपक हरिनारायण अग्रवाल, संदेश पुरोहित, भरत वर्मा और उपसंचालक कृषि जितेन्द्र सिंह भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए सांसद उदय प्रताप सिंह ने कहा कि ऐसे पुरस्कार यूं ही नहीं मिल जाते हैं। इसके लिए पूरे परिवार को जुटना पड़ता है। कृषि विभाग, खेतों में काम करने वाले खेतिहर मजदूर और किसान का परिवार, सभी की मेहनत का नतीजा होता है कि इस तरह के पुरस्कार मिलते हैं।

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सांसद ने जतायी चिंता
सांसद ने चेताया कि बंपर उत्पादन से हमें ज्यादा खुश होने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि चिंता करने की जरूरत है। कृषि यदि जैविक है तो बेहतर, यदि रासायनिक है तो फिर इससे कैंसर रोग को ही बढ़ाना मिलेगा। उन्होंने कहा कि मैं जिम्मेदारी से कह रहा हूं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सर्वे किया है और उसकी रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि इसी तरह से हिन्दुस्तान में खेती में पेस्टिीसाइड्स का प्रयोग होता रहा तो सन् 2025-26 तक यहां के हर पांचवे व्यक्ति को कैंसर रोग होगा। उन्होंने कहा कि हमें इसके लिए चिंता करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में अपने खेतों में एक भी बोरी यूरिया नहीं डाला। यदि कभी कीड़ों की मारने की जरूरत हुई तो विश्वसनीय और प्रतिष्ठित कंपनी के कीटनाशक ही इस्तेमाल किये हैं।

फसल चक्र पर काम करते
सांसद ने बताया कि उन्होंने फसल चक्र बनाया है। एक सीजन में एक फसल तो दूसरे सीजन में दूसरी। इस तरह से एक फसल का नंबर चार वर्ष बाद ही आता है। वे और उनके साथी किसान गोबर खाद के दम पर काम करते हैं। उनका कहना था कि हम तीन-तीन फसल लगातार ले रहे हैं, यह अच्छी बात हीं है। पैसा कमाना ही उद्देश्य नहीं हो, बल्कि भविष्य के लिए बंजर धरती छोडऩे से बेहतर है कि खेती का तरीका बदलें। पंजाब-हरियाणा का उदाहरण देकर उन्होंने कहा कि वहां जमीन इतनी बंजर हो गयी है कि वहां अब बिना रासायनिक खाद के बीज अंकुरित ही नहीं होता है। उन्होंने कहा कि यही स्थिति हमारी होने वाली है। यदि आप किसी तरह से बच भी गये तो निश्चित मानिये कि आपके बच्चे इससे बिलकुल भी नहीं बच सकते हैं।

12 करोड़ ही किसान बचे हैं
सांसद ने कहा कि यह काफी चिंतनीय विषय है कि देश में सवा अरब की आबाद में केवल 12 करोड़ किसान ही बचे हैं। हमारे बच्चे किसानी करना नहीं चाहते हैं। हमें सोचना होगा कि आखिर क्यों हमारे बच्चे खेती से दूर भाग रहे हैं। हमें इस स्थिति में अपने खर्चों को कम करना होगा, खेती में सुधार के प्रयास करने होंगे। नरवाई जलाने पर बाबू चौधरी की चिंता से सहमति जताते हुए सांसद ने बताया कि इससे न सिर्फ खेती खराब हो रही बल्कि वातावरण प्रदूषित हो रहा है और इससे मौसम पर बुरा असर पड़ रहा है। वातावरण में कार्बन होने से मौसम का चक्र भी गड़बड़ा रहा है, जो हमारे जीवन के लिए नुकसानदे है।
विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा ने कहा कि हमारा जिला फसल उत्पादन में पंजाब का मुकाबला कर रहा है। कृषि हमारे जिले का नहीं बल्कि प्रदेश और देश का आधार है, हमारे जिले को दोनों महिला किसानों ने कृषि कर्मण अवार्ड पाकर गौरवान्वित किया है। पूर्व मंत्री विजय दुबे काकूभाई ने कहा कि दोनों महिला किसानों ने जो काम कर दिखाया है, उससे प्रेरणा लेकर न सिर्फ और महिलाएं आगे आएंगी बल्कि अन्य किसान भी प्रेरणा लेकर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की मंशा है कि यहां से कृषि उत्पाद बाहर जाएं। किसानों को अनाज के अलावा फल और सब्जी की तरफ भी काम करना चाहिए। सिवनी मालवा विधायक प्रेमशंकर वर्मा ने दोनों किसानों को बधाई देते हुए कहा कि उनका विधानसभा क्षेत्र इससे गौरवान्वित हुआ है।
जिला पंचायत सदस्य विजय बाबू चौधरी ने महिला किसानों को कृषि कर्मण अवार्ड मिलने पर दोनों को बधाई और प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह से किसानों को प्रोत्साहन मिलता है और वे और बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। उन्होंने पिछले वर्ष ग्राम पांजराकलॉ में नरवाई से हुई आगजनी की घटना को याद करते हुए कहा कि हमें अभी से इसकी चिंता करनी होगी। श्री चौधरी ने कहा कि हमें दो माह तक जनजागरण करना होगा। हम संकल्प लें कि जिले में नरवाई नहीं जलने देंगे। किसान नेता चंद्रगोपाल मलैया ने कहा कि इन महिलाओं को मास्टर ट्रेनर बनाना चाहिए और इनसे प्रेरणा लेकर किसानों को खेती करना चाहिए। पाली भाटिया ने कहा कि किसान की माली हालत ठीक नहीं है। नरवाई जलने से बचाने के लिए सरकार को चाहिए कि किसानों को रोटावेटर मुफ्त में उपलब्ध कराये।

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