इटारसी। संसार में जब मायापति जाल फेंकते हैं तो उसमें हम अधिकांश मानव ऐसे फंस जाते हैं जैंसे केवट के जाल में मछली। लेकिन मायामोह के जाल से बचने का सरल उपाय है परमात्मा की भक्ति। जिसे नि:स्वार्थ व प्रेम पूर्वक की जाए तो हमारी भक्ति के प्रेमजाल में स्वयं परमात्मा फंस जाते हैं और अपनी असीम कृपा से हमें मायापति के मायाजाल से मुक्त कराते हैं। उक्त उदगार प्रसिद्ध प्रवचनकर्ता पं. रामेश्वर शर्मा ने व्यक्त किये।
तवा कॉलोनी क्षेत्र में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा समारोह के पांचवे दिवस में आचार्य रामेश्वर शर्मा ने भक्त धु्रव महाराज, भक्त प्रहलाद और मीरा बाई की प्रेमपूर्ण भक्ति का वर्णन करते हुए कहा कि इनकी भक्ति में वो सामथ्र्य था। वो प्रेम था कि परमात्मा ने इन्हे मायामोह के जाल में फंसने नहीं दिया और स्वयं इनके प्रेमजाल में फंसकर इनका उद्धार किया। मातृशक्ति के सम्मान की चर्चा करते हुए आचार्यश्री ने कहा कि वर्तमान परिवेश में नारियों के साथ जगह-जगह दुराचार हो रहे हैं। लेकिन हैद्राबाद के वो पुलिस जवान धन्यवाद के पात्र हैं, जिन्होंने नारी के दुराचारियों को कठोर त्वरित मृत्युदंड प्रदान किया। मातृशक्ति के साथ जो भी दुराचारी ऐसा दुष्कर्म अपराध करे उसे ऐसी ही सजा मिलनी चाहिए। पांचवे दिवस की कथा के अंतिम पहर में कर्मयोगी भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर कथा के मुख्य यजवान गणेश प्रसाद वर्मा, आयोजन समिति सदस्य रमेश सिंह परिहार, डॉ. ब्रजमोहन चौधरी एवं कार्यक्रम संयोजक संदीप वर्मा ने आचार्य श्री का स्वागत किया।
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मायाजाल में मनुष्य और प्रेमजाल में परमात्मा फंसते हैं : शर्मा
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