प्रमोद गुप्ता, पाथाखेड़ा /सारणी।
वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड पाथाखेड़ा की भूमिगत खदान में काम करने वाले कर्मचारियों का जीवन वर्तमान समय में नरखी हो गया है। इसको लेकर इंटक यूनियन ने आज क्षेत्रीय कार्यालय में बैठक कर प्रबंधन का हर स्तर पर विरोध करने का निर्णय लिया। बैठक की शुरुआत डब्ल्यूसीएल के दो कर्मचारियों की मौत स्वाइन फ्लू से हो जाने के कारण 2 मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद किया गया। बैठक की अध्यक्षता महेश पुरोहित ने की। इस अवसर पर क्षेत्रीय महामंत्री दमोदर मिश्रा ने इंटक यूनियन के पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रबंधन स्थानीय स्तर पर हठधर्मी दिखा रही है और भूमिगत खदानों में काम करने वाले कर्मचारियों को सुविधा मुहैया नहीं हो पा रही है। स्थिति यह उत्पन्न हो गई है कि कर्मचारियों को अच्छा पानी और स्वास्थ्य की सुविधा नहीं मिल पा रही है। जिसको लेकर इंटक यूनियन ने 23 सितंबर के बाद डब्ल्यूसीएल प्रबंधन पाथाखेड़ा के खिलाफ आंदोलन करने की घोषणा की है।
नियम विरुद्ध हो रहा है कोयले का खनन
डब्ल्यूसीएल प्रबंधन के माध्यम से पाथाखेड़ा क्षेत्र की भूमिका खदानों में कोयले का खनन नियम के विरुद्ध हो रहा है। भूमिगत खदान में काम करने वाले कर्मचारियों को न पीने का पानी उपलब्ध हो रहा है और न ही अंदर ऑक्सीजन मिल पा रहा है। ऐसी स्थिति में लगातार कर्मचारियों की मौत होने का सिलसिला जारी है।
यूनियन नेता भरत सिंह ने कहा कि भूमिगत खदान में कोई भी एक्सीडेंट होता है तो कर्मचारी को सरफेस में लाने के लिए फाइबर का स्ट्रक्चर होना चाहिए। लेकिन लोहे का स्ट्रक्चर दिया जाता है जिसकी वजह से एक कर्मचारी के अलावा स्ट्रक्चर को उठाने के लिए 12 कर्मचारी लगते हैं। ऐसी स्थिति में घायल कर्मचारी की अस्पताल पहुंचते ही मौत हो जाती है। इस पर प्रबंधन को ध्यान रखना चाहिए लेकिन प्रबंधन के माध्यम से लगातार हठधर्मी अपनाई जा रही है ।
इंटक यूनियन के संयुक्त अध्यक्ष आशिक खान ने कहा कि पाथाखेड़ा प्रबंधन वर्तमान समय में रावण हो गई है। जो अपने घमंड में चूर है जिसकी वजह से कर्मचारियों को नजर अंदाज किया जा रहा है। लेकिन इंटक यूनियन ऐसा नहीं होने देगी हर स्तर पर प्रबंधन का विरोध करेगी।
इनका कहना है…!
छतरपुर खदान में काम करने वाले दो कर्मचारियों की मौत नागपुर में हो चुकी है और तीसरा कर्मचारी जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है। इसके अलावा गैर कर्मचारी की मौत भी सोमवार सुबह हुई है। ऐसे में प्रबंधन को एकजुट होकर किस तरह इस बीमारी की रोकथाम की जा सकती है। इस पर अमल करना चाहिए लेकिन प्रबंधन हठधर्मी पर अड़ी हुई है। स्वाइन फ्लू को लेकर इंटक यूनियन के माध्यम से कलेक्टर-एसपी नगरपालिका और मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के अधिकारियों से पत्र व्यवहार कर चुकी है।
दामोदर मिश्रा महामंत्री इंटक यूनियन पाथाखेड़ा