इटारसी। एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना के साथ खण्ड-खण्ड में बंटे आजाद भारत को अखण्ड भारत में परिवर्तित करने वाले देश के एकमात्र लौहपुरूष एवं भारत रत्न स्व. सरदार वल्लभ भाई पटेल देश की सामाजिक समरस्ता के प्रतीक थे। यह विचार कुर्मी क्षत्रिय समाज के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ शिक्षाविद एनपी चिमानिया ने व्यक्त किए।
सरदार पटेल जयंती पर जिला कुर्मी क्षत्रिय समाज संगठन द्वारा आयोजित जलाभिषेक एवं सामाजिक सभा को संबोधित करते हुए समाज संगठन अध्यक्ष चिमानिया ने कहा कि यह हमारे लिए गौरव की बात है कि हम सरदार पटेल के अनुयायी हैं। लेकिन सरदार साहब ने तो सभी समाजों को साथ लेकर देश के एकीकरण विकास की परिकल्पना की और उसे साकार भी किया। इसलिए सरदार पटेल कुर्मी समाज के साथ ही सभी समाजों के सर्वमान्य, पूज्यनीय एवं प्रशंसनीय हैं। सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर न्यास कॉलोनी स्थित सरदार पटेल सतरस्ते पर सुबह 10:30 बजे एकत्रित हुए और सामाजिक रूप से लौह पुरूष की प्रतिमा का जलाभिषेक किया। सभी ने प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अपने समाज के प्रकाश पुंज सरदार पटेल को नमन करते हुए उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।
प्रवक्ता गिरीश पटेल ने बताया कि इस अवसर पर राममोहन मलैया, एसआर पटेल, सुरेश चिमानिया, रामविलास चौरे, डॉ. जेपी चौरे, डॉ. प्रदीप चौधरी, भरत वर्मा मोहन गौर, चंचल पटेल, यज्ञदत्त गौर, मनोज चौधरी, संतोष चौरे, नवल पटेल, लाडली चौरे, प्रेमशंकर मेहतो, रमेश चौधरी, अरूण बड़कुर, धीरेन्द्र वर्मा, डॉ. केके पटेल, राजा चौरे, आनंद पटेल आदि उपस्थित थे।
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सरदार पटेल का बलिदान याद कर किया जलाभिषेक
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