इटारसी। संसार में मनुष्य सभी प्रकार के सुख प्राप्त करना चाहता है तो उसे मंगलमूर्ति श्री हनुमान की शरण में जाना होगा। उक्त उद्गार संत श्री महावीर दास ब्रह्मचारी ने ग्राम सोनतलाई में श्रीराम चरित मानस प्रवचन समारोह में व्यक्त किए।
चैत्र नवरात्रि के अवसर पर आयोजित श्री शतचंडी महायज्ञ एवं श्रीराम चरित मानस प्रवचन समारोह के तीसरे दिन हनुमान जी की भक्ति का दिन मंगलवार होने से सभी प्रवचनकर्ताओं ने उनकी भक्तिमयी महिमा का वर्णन किया। श्री महावीर दास जो स्वयं श्री हनुमान जी जैसा भक्तिमय जीवन जीते हंै उन्होंने कहा कि हर कोई चाहता है कि हमारी जीवन में मंगल आए। लेकिन, मंगल आता नहीं और अमंगल बिना बुलाये चला आता है। इसलिए गोस्वामी तुलसीदास जी कहते हैं कि मंगलमूर्ति नंदन, शकल अमंगल मूल निकंदन। अर्थात जीवन में मंगल चाहते हैं तो मंगल मूर्ति की शरण में जाओ।
इसी प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए श्री बजरंग दास जी रामायणी ने कहा कि संसार के संकट को जो दूर करे, उसे भगवान कहते हैं और जो भगवान के संकट को दूर करे उसे हनुमान कहते हैं। ग्वालियर से आयी मानस विदुषी दीपा मिश्रा ने भी अपनी संगीतमयी शैली में कहा कि विद्यावान गुनी अति चातुर, राम काज करिवे को आतुर, अर्थात जो स्वयं विद्ववान और गुणी होते हुए भी प्रभु की भक्ति में सब भूल जाए उससे बड़ा कोई भक्त नहीं।
तपोभूमि भिंड की राधा शर्मा एवं छतरपुर के श्री राघवेन्द्र रामायणी ने भी हनुमान चालीसा के माध्यम से महावीर बजरंगवली की लोक कल्याणमयी महिमा का वर्णन किया। आज मंगलवार को इस प्रवचन समारोह में मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहा। श्री ब्रह्मचारी जी महाराज के राजा राम वाले भजन की धुन पर वह स्वयं भी और श्रोता भी श्रीराम की भक्ति लीन हो गए।
सोनतलाई में आयोजित इस विशाल धार्मिक समारोह के संयोजक राजीव दीवान ने बताा कि 10 अप्रैल पंचमी तिथि की रात को यहां देवी जागरण कार्यक्रम होगा जिसमें बालाघाट के प्रसिद्ध स्वरांजलि जागरण ग्रुप द्वारा भजनों की प्रस्तुति दी जाएगी। उन्होंने श्रद्धालुओं से इस आयोजन में शामिल होकर भक्ति लाभ प्राप्त करने का अनुरोध किया है।
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सुख पाना है तो मंगलमूर्ति की शरण में जाएं : महावीरदास ब्रह्मचारी
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