इटारसी। नगर की सड़कों पर खड़े बिजली के खंभों में सैंकड़ों खंभे ऐसे हैं जो या तो तिरछे हो गए हैं या फिर जमीन से उखड़कर सिर्फ केबल के बूते खड़े हैं। केबल की बैशाखियों पर खड़े ये खंभे कभी भी हादसे का सबब बन सकते हैं। हालांकि बिजली विभाग का कहना है कि हम ऐसे क्षतिग्रस्त खंभों को हटा रहे हैं।
यह इटारसी शहर का लाइन क्षेत्र है जो आवासीय के साथ ही सघन व्यावसायिक क्षेत्र भी है। यहां डॉ. दीपक जैन की क्लीनिक के पास सड़क पर जो पोल खड़ा है वह ऊपर से तो ठीक नजर आता है, लेकिन जब नीचे नजर डालते हैं तो इसके पैरों तले जमीन ही नजर नहीं आती है। यानी जमीन से उसके पैर उखड़ चुके हैं। बावजूद इसके यह फिलहाल खड़ा है तो केवल सर्विस लाइन के केबलों के सहारे। इसके एक दूसरे खंभे का भी सहारा देकर गिरने से रोके रखने का प्रयास किया गया है। यह कब तक टिकेगा, कहा नहीं जा सकता। नगर में केवल यही एक खंभा नहीं है। ऐसे दर्जनों खंभे हैं जो धरातल से सड़कर धरती छोड़ चुके हैं। छटवी लाइन का पोल इतना तिरछा हो गया है, मानो कमर ही टूट गयी हो। अगर यह गिरता है तो बड़ा हादसा होगा और इसकी चपेट में सबसे पहले शहर का सराफा बाजार आएगा। इसी तरह से लकडग़ंज, गांधीनगर के मध्य चामुंडा चौराह पर लगा बिजली का पोल ऊपर से देखने पर ऐसा लगता है जैसे यह हम पर ही गिरने वाला है। इसे भी बैशाखियों के सहारा खड़ा रखा गया है। जिस दिन बैशाखी टूटी, उस दिन यह गिरकर बड़ी तबाही मचा सकता है। इस क्षेत्र में बैंक, स्कूल, आरामशीन और बीएसएनएल का दफ्तर भी है। जरा आगे चलेंगे तो इंगलचाल में भी शंकर मंदिर चौराहे पर छतरी जैसे आकार में झुका बिजली का पोल है जो कब गिर जाए, कहा नहीं जा सकता है।
इस तरह के कई उदारहण हैं जो कभी भी हादसे का सबब बन सकते हैं। एक अनुमान के मुताबिक शहर में दो दर्जन से अधिक ऐसे खंभे हैं जो बड़े हादसे का कारण बन सकत हैं। बिजली अधिकारी से जब ऐसे खंभों की संख्या पूछी गई तो उन्होंने इसे करीब पंद्रह से बीस बतायी जिन्हें जल्द बदलने की जरूरत है। कितने बदले गए, कहां बदले जा रहे हैं, इस विषय में उन्होंने कहा कि शहर में करीब पचास फीसदी खंभे खतरनाक हैं लेकिन विभाग इनको बदलने की स्थिति में नहीं है।
इनका कहना है…!
जहां से भी इस तरह के खंभे होने शिकायतें मिलती हैं, वहां पर विभाग द्वारा खंभे बदल दिए जाते हैं। वैसे करीब पचास फीसदी खंभे हमारी जानकारी में हैं, लेकिन विभाग द्वारा सभी को बदलने की स्थिति नहीं है।
डेलन पटेल, शहर प्रबंधक बिजली कंपनी
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हादसे का सबब बन सकते हैं केबल के सहारे खड़े पोल
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