मेडिकल कॉलेज की सीट छोड़ने पर देना होगा 10 से 30 लाख रूपए

Post by: Poonam Soni

नियम वर्ष 2018 से प्रवेशित सभी विद्यार्थियों पर लागू

भोपाल। चिकित्सा शिक्षा आयुक्त निशांत वरवड़े (Medical Education Commissioner Nishant Varwade) ने बताया कि स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में नीट से चयनित विद्यार्थियों को चिकित्सा एवं दंत चिकित्सा महाविद्यालयों (Dental Colleges) में मेरिट के आधार पर प्रवेश के लिये शासन द्वारा ‘मध्यप्रदेश चिकित्सा शिक्षा प्रवेश नियम-2018 एवं संशोधन 19 जून, 2019” के अनुसार पाठ्यक्रम संचालित किये जाते हैं। आयुक्त वरवड़े ने बताया कि उपरोक्त नियम की कण्डिका-15 (1) (ख) के अनुसार निर्धारित समय-सीमा के बाद अभ्यर्थी के द्वारा त्याग-पत्र दिये जाने की दशा में उस पर सीट छोड़ने संबंधी बँधपत्र की शर्तें लागू होंगी। इसके अधीन शासकीय चिकित्सा एवं शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय की प्रवेशित सीट से त्याग-पत्र देने पर अभ्यर्थी द्वारा बँधपत्र की राशि 10 लाख रुपये (प्रवेश वर्ष 2018 एवं 2019)/30 लाख रुपये (प्रवेश वर्ष 2020) स्वशासी संस्था को देय होगी। निजी चिकित्सा एवं निजी दंत चिकित्सा महाविद्यालय की प्रवेशित सीट से त्याग-पत्र देने पर संबंधित निजी संस्था में संचालित पाठ्यक्रम में सम्पूर्ण अवधि का शैक्षणिक शुल्क शासन को देय होगा। आयुक्त वरवड़े ने बताया कि उपरोक्त नियम वर्ष 2018 से प्रवेशित सभी विद्यार्थियों पर प्रभावशील हैं। किसी भी अध्ययनरत स्नातकोत्तर विद्यार्थी द्वारा किसी भी कारण से सीट छोड़ने की दशा में उपरोक्त बँधपत्र अनुरूप राशि 10/30 लाख रुपये (प्रवेश के अनुसार) संबंधित स्वशासी महाविद्यालय के खाते में जमा करना अनिवार्य रहेगी।

 

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