महोदय,
सबसे पहले ‘नर्मदांचल’ ने इस मुद्दे की तरफ ध्यान आकर्षित किया था। सांसद राव उदय प्रताप सिंह द्वारा होशंगाबाद में कोरोना की समीक्षा करने आये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को ज्ञापन देने के अगले दिन ही मैंने ‘नर्मदांचल’ के माध्यम से इटारसी में तत्काल मेडिकल खोले जाने की मांग उठाई थी। या यूं कहा जाए कि इससे भी पहले मेरे द्वारा ‘नर्मदांचल’ के माध्यम से उपरोक्त मांग की तरफ शासन का ध्यान आकर्षित किया गया था। उससे प्रेरित होकर ‘आप पार्टी ‘ ने होशंगाबाद पैदल जाकर इस संबंध में कलेक्टर को ज्ञापन देने की घोषणा की थी। होशंगाबाद तो छोड़िए उक्त पार्टी के कार्यकर्त्ता ज्ञापन देने तहसील कार्यालय तक पैदल नहीं गए। वैसे भी अब इटारसी में मेडिकल कॉलेज खोले जाने का मुद्दा व्यक्तिगत प्रचार – प्रसार का मुद्दा बन कर रह गया है। लोग फोटो छपवाने तक सीमित रह गए हैं। सत्तारुढ़ दल तथा विपक्ष के नेता मूक दर्शक बने ये तमाशा देख रहे हैं। युवा पत्रकार सौरभ दुबे के अतिरिक्त इस मुद्दे को लेकर कोई भी कुछ खास गम्भीर दिखाई नहीं देता। सब ज्ञापन लेने – देने तक सीमित रह गए हैं। रही मेरी बात तो ” इटारसी में मेडिकल कॉलेज खोले जाने ” को लेकर जन हित में यदि मुझे जय स्तम्भ पर भी आमरण अनशन पर बैठना पड़ा तो मैं पीछे नहीं हटूंगा। बस पहले ये देखना होगा कि ये छद्म प्रयास कब तक जारी रहते हैं ? कब तक हमारे जनप्रतिनिधि चुप्पी साधे बैठे रहते हैं ?
विनोद कुशवाहा
LIG/85
न्यास कॉलोनी
इटारसी