– रोड पर बैठकर ग्रामीणों ने जताया विरोध
– अधिकारियों से बहस पर उतारू हैं ग्रामीण
– पुलिस प्रशासन भी हालात काबू करने में असहाय
रीतेश राठौर, केसला। फोरलेन के लिए साइड में आरओडब्ल्यू की टीम केसला में पाइप लाइन के लिए लाइन डालने पहुंची तो ग्रामीणों के तीखे विरोध का सामना करना पड़ा है।
अभी केसला में भी फोरलेन का काम प्रारंभ होना है। प्रशासन की टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। लोगों ने तीखा विरोध किया और रोड पर बैठ गये। लोगों का कहना है कि उनको पूरा पैसा जब तक नहीं मिलेगा, वे कोई काम नहीं करने देंगे। प्रशासन ने एक वर्ष में कई बार आश्वासन दिया लेकिन पैसे नहीं मिले। ऐसे में हम विरोध करेंगे।
आज सुबह अतिरिक्त तहसीलदार दीप्ति चौधरी और नायब तहसीलदार विनयप्रकाश ठाकुर के साथ टीम पहुंची तो विरोध प्रारंभ हो गया। ग्रामीणों का कहना है कि कुछ परिवार ऐसे हैं जिनको मुआवजा का एक रुपए भी नहीं मिला जबकि ज्यादातर परिवारों को टीडीएस की राशि नहीं मिली है। एनएचएआई का कहना है कि पैसा राजस्व को दिया जा चुका है। अब ग्रामीणों और राजस्व का मामला है कि कैसे काम को आगे बढ़ाते हैं।
ये है मामला
दरअसल, जहां से फोरलेन निकलनी है, उसमें ग्रामीणों के मकान और दुकान सीमा में आ रहे थे। शासन से तय मुआवजा भी लोगों को मिला है। लेकिन, बड़ी रकम होने पर टीडीएस काटा जाता है। जब आयकर विभाग में रिटर्न दाखिल होता है तो यह रकम वापस मिल जाती है। लेकिन, ग्रामीणों का कहना है कि राजस्व विभाग से उनको कई महीनों से टीडीएस की रकम वापसी का आश्वासन दिया जा रहा है। उनसे जितने भी दस्तावेज मांगे थे, सभी दे दिये गये हैं। ग्रामीण दिनेश मालवीय का कहना है कि एनएचएआई के इंजीनियर अभिषेक जैन को कई मर्तबा कागज दिये और हर बार जब विरोध होता है तो कागज मांगने लगते हैं। लेकिन पैसा देने में आनाकानी की जाती है।
न मकान तोड़ रहे ना दुकान
ग्रामीणों से बहस में नायब तहसीलदार विनय प्रकाश ठाकुर ने कहा कि आज हम न तो मकान तोड़ रहे हैं और ना ही दुकान। इस बीच इंजीनियर ने कहा कि कागज उपलब्ध करा दें तो ग्रामीणों ने तीखा विरोध करते हुए कहा कि आपको कई बार कागजात दे चुके हैं आप से बात नहीं करेंगे। एसडीएम से भी आश्वासन मिल चुका है लेकिन हमें अब बिना पैसा मिले काम नहीं करने देंगे। लक्ष्मीबाई विश्वकर्मा का तो यहां तक कहना है कि उनको तो एक भी रुपया नहीं मिला है। इस बीच सूत्रों से खबर मिली है कि सिवनी मालवा विधायक का फोन भी अधिकारियों के पास पहुंचा है कि जब तक पैसा नहीं दोगे, कुछ नहीं तोडऩा। तो फिलहाल मशीनें खामोश हो गयी हैं।