इटारसी। नागपुर (Nagpur) से इटारसी (Itarsi) के मध्य नेशनल हाईवे (National Highway) पर विगत 10 अप्रैल से ट्रैफिक की दुश्वारियों के बीच जी रहे लोगों के लिए आर्मी सुखद अनुभव भी लेकर आयी है। न सिर्फ बैलीब्रिज (Bailey Bridge) बनाकर यातायात को सुगम बनाने की कोशिश की बल्कि अभी अंतिम दौर का काम शेष रहने के बावजूद आपातकाल में कुछ ऐसी मदद भी की, जिनके बाद आर्मी (Army) को सैल्यूट करने हाथ उठ रहे हैं।
आर्मी के दल ने सोमवार को तेज बारिश से सुखतवा नदी (Sukhtwa River) के रपटे पर पानी आ जाने से बाधित यातायात के बाद फंसे लोगों को बैलीब्रिज से निकालकर मदद की। दरअसल बैलीब्रिज में अभी अंतिम दौर का काम बचा है, ऐसे में इस पर से यातायात जोखिम भरा है, बिना आर्मी की मदद के इस पर से निकलना संभव नहीं था। आर्मी ने भी मदद करने में कोई कोताही नहीं की। सबसे पहले स्कूली बच्चों को पुल पर से पार कराके उनके घर भेजने में मदद की। ये बच्चे सुबह पुल की दूसरी तरफ स्कूल (School) आ गये थे। शाम को जब छुट्टी हुई तो बारिश के बाद पुल पर पानी आ गया था। बारिश जारी थी और पानी उतरने की संभावना नहीं लग रही थी। ऐसे में आर्मी ने निर्माणाधीन बैलीब्रिज से बच्चों को पार लगाया।
शिक्षक-शिक्षिकाओं को निकाला
सुखतवा हाई स्कूल के प्राचार्य की सेवानिवृत्ति के बाद सुखतवा में उनका विदाई समारोह रखा गया था। संकुल के शिक्षक-शिक्षिकाएं और ब्लॉक एजुकेशन आफिसर (Block Education Officer) भी आमंत्रित थे। सभी उस वक्त कार्यक्रम में पहुंचे थे जब पुल पर पानी नहीं था। लौटे तो पुल पर पानी था। इस दल में बड़ी संख्या में शिक्षिकाएं भी थीं, जिनको घर लौटने की चिंता सता रही थी। जिला प्रशासन की पहल पर आर्मी को सूचना मिली तो आर्मी के दल ने सभी को अंधेरा होने पर बमुश्किल पार लगाया और सभी आर्मी दल को धन्यवाद देकर अपने घर पहुंचे।
इसी तरह से एक एम्बुलेंस (Ambulance) में गंभीर मरीज था, जिसकी जान बचाने में आर्मी की टीम ने मदद की। एक मरीज को तत्काल उपचार की आवश्यकता थी। नीचे पुल पर से पानी बह रहा था, ऐसे में एम्बुलेंस निकालना मुश्किल था। सेना के जवानों ने बैलीब्रिज से एम्बुलेंस पार कराके निकाला और मरीज को समय पर उपचार मिलने से उसकी जान बच सकी। इस तरह से आपात स्थिति में आर्मी ने लोगों की मदद की।
दोनों तरफ फंसे थे हजारों लोग
सुखतवा नदी के पुल पर पानी होने से भोपाल-नागपुर हाइवे के दोनोंं तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई। जाम में सैकड़ों ट्रक, यात्री बसें, टैक्सियां एवं निजी वाहन फंसने से यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। पुल पर जिस तेजी से जलभराव हुआ है, उससे जल्द हाइवे पर यातायात बहाल होने की संभावना नहीं है। इधर बैकवाटर जमा होने के बाद तवा बांध के तीन गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है। सुखतवा नदी पर बन रहे बैली ब्रिज की वजह से जिला प्रशासन ने एनएचएआई द्वारा बनाए अस्थाई पुल पर ट्रैफिक प्रतिबंधित कर हरदा-बैतूल होकर ट्रैफिक बायपास किया था। पुल पर हल्का पानी होने के कारण वाहन पुल से ही निकाले जा रहे थे, लेकिन दोपहर में अचानक नदी पर 2 फीट पानी जमा हो गया।
पुलिस के अनुसार रात से ही पहाड़ी इलाकों में तेज वर्षा होती रही, लेकिन तवा बांध के गेट बंद होने से पूरा बेकवाटर सुखतवा नदी में तेजी से जलस्तर बढऩे लगा। रात 8 बजे तक पुल पर पानी होने के कारण हाइवे बंद था, केसला पुलिस के अनुसार करीब 95 किमी का फेरा होने के कारण सारे वाहन चालक पानी उतरने के इंतजार में जाम में फंसे रहे। केसला-सुखतवा के ग्रामीण अंचलों से शहर एवं दूसरी तरफ आने वाले स्कूली बच्चों के वाहन भी जाम में फंस गए थे। बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी एवं बैली पुल बना रहे आर्मी अफसरों ने बैली ब्रिज से बच्चों की आवाजाही की छूट दी। बच्चों के स्वजन गोद में उठाकर बैली ब्रिज से दूसरी तरफ सुरक्षित पहुंचे। इधर पुल निर्माण में तैनात जवानों को भी विपरीत हालात में काम करना पड़ा। ग्रामीणों के अनुसार सुखतवा के आसपास रिमझिम वर्षा हुई है, लेकिन तवा कैचमेंट एरिया एवं जंगल में बीती रात से तेज वर्षा जारी रही।