बैतूल। यहां के रेलवे स्टेशन के आउटर पर खड़ी पैसेंजर ट्रेन के खाली कोच में अचानक आग लग गई। बैतूल-छिंदवाड़ा पैसेंजर ट्रेन के 2 कोच में आग लगने से वहां अफरा तफरी का माहौल पैदा हो गया। देखते ही देखते ही देखते भीषण रूप ले लिया, जिसके बाद रेलवे स्टाफ ने तत्काल ही दूसरे जलते हुए डिब्बों को ट्रेन से अलग कर दिया। आग की सूचना रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई और दमकल की टीमें भी मौके पर पहुंच गई।
घटनास्थल पर फायर ब्रिगेड नहीं पहुंच सकती थी, अत: पाने के कारण वहां मौजूद लोगों ने अग्निशामक यंत्रों से आग बुझाने की कोशिश की। जलती बोगियां से शेष बोगियों को अलग किया। नागपुर रेल मंडल के पीआरओ के अनुसार रेलवे ने घटना की जांच के आदेश दे दिये हैं।
गौरतलब है कि बैतूल से छिंदवाड़ा के बीच चलने वाली पैंसेजर ट्रेन क्रमांक 09589 के दो डिब्बों में अज्ञात कारण से भीषण आग लग गई। हादसा उस समय हुआ, जब ट्रेन यार्ड से बैतूल रेलवे स्टेशन के लिए लायी जा रही थी। रेल कर्मियों ने आग को बुझाने के प्रयास किए, लेकिन समय पर फायर ब्रिगेड के नहीं पहुंचने के कारण आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। कुछ लोगों ने हाथों से जलते हुए ट्रेन के डिब्बों को धकेलकर हटाया, जिससे आग दूसरे डिब्बों तक न पहुंचे।
कुछ ही देर में दो डिब्बे आग की लपटों में घिर गए। आनन-फानन पहले इंजन के साथ तीन डिब्बों को हटाया इसके बाद अन्य डिब्बों को भी अलग किया। रेल प्रशासन ने ट्रेन को दो हिस्सों में बांट कर बोगियों को बचाने का प्रयास किया। ट्रेन बैतूल से 4 बजे छिंदवाड़ा के लिए रवाना होने वाली थी। आग कैसे लगी इसका कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका है।
ज्ञात हो कि पैसेंजर ट्रेन छिंदवाड़ा आमला से दोपहर को बैतूल आती है और शाम 4 बजे छिंदवाड़ा के लिए रवाना होती है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि लगभग ढाई से तीन बजे के बीच धुआं उठते देख लोग ट्रेन के पास पहुंचे। वहां देखा तो दोनों डिब्बों से आग की लपटें ऊपर तक उठ रही थी, वहीं 25 से 30 मिनट के अंदर आमला से रेलवे को फायर ब्रिगेड बैतूल पहुंची।
जिसकी सहायता से आग पर काबू पा लिया गया है। आग लगने के कारणों का फिलहाल खुलासा नहीं हो पाया है। वहीं नुकसान का भी आंकलन नहीं किया जा सका है। रेल अधिकारी आग से हुए नुकसान के कारणों का पता लगाने में जुट गए हैं।