इटारसी। तहसील विधिक सेवा समिति इटारसी ने ग्रामपंचायत देहरी में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया।
इस अवसर पर निखिल सिंघई न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी इटारसी ने विश्व जल दिवस 22 मार्च के अवसर पर जल संरक्षण एवं महत्ता के बारे में जानकारी प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि स्वच्छ ताजा पानी एक, सीमित संसाधन है। दुनिया में हो रहे सभी गंभीर सूखे के साथ, मीठे पानी की सीमित आपूर्ति हमारे सबसे कीमती संसाधनों में से एक बन कर रही है। पृथ्वी पर प्रत्येक व्यक्ति को जीवित रहने के लिए पानी की आवश्यकता होती है।
पानी का संरक्षण महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पर्यावरण की रक्षा करते हुए पानी को शुद्ध और स्वच्छ रखता है। पानी का संरक्षण करने का अर्थ है कि पानी की आपूर्ति का बुद्धिमानी से उपयोग करना और जिम्मेदार होना। जैसा कि प्रत्येक व्यक्ति आजीविका के लिए पानी पर निर्भर करता है, हमें सीखना चाहिए कि पानी की हमारी सीमित आपूर्ति को कैसे शुद्ध रखें और प्रदूषण से दूर रहें।
हमारी जल आपूर्ति को सुरक्षित और शुद्ध रखने से आने वाली पीढिय़ों के लिए पानी की रक्षा होगी। पानी के संरक्षण में जल प्रदूषण से बचना, पानी का अपव्यय को कम करना, पानी की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचाने रोकना और जल प्रबंधन में सुधार करना शामिल है। आबादी को अपने पास मौजूद पानी को बचाना होगा और आने वाले वर्षों के लिए पर्याप्त आपूर्ति प्रदान करनी होगी।
कार्यक्रम के दौरान राजीव शुक्ला अतिरिक्त लोक अभियोजक ने घरेलू हिंसा के बारे में बताया कि किसी महिला का शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, मौखिक, मनोवैज्ञानिक या यौन शोषण किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा किया जाना जिसके साथ महिला के पारिवारिक संबंध है, घरेलू हिंसा में शामिल है। जिसके लिए महिला संरक्षण अधिकारी के समझ अपनी शिकायत कर सकती हैं। साथ ही बताया कि धारा 125 के तहत भरण-पोषण का प्रावधान सामाजिक न्याय के लिए है, जिसे खासतौर पर महिलाओं और बच्चों के संरक्षण के लिए कानून का रूप दिया है। ऐसे में पति अपने दायित्वों से मुह नहीं मोड़ सकता।
इसी कम में भी जिनेन्द्र जैन अधिवक्ता द्वारा बताया गया कि नि:शुल्क विधिक सहायता पीडित महिला बालक बालिका आपदा से पडित व्यक्ति जातीय हिंसा अत्याचार से पाडित औद्योगिक कामगार और अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के सदस्य प्राप्त कर सकते हैं। सरपंच पूजा उइके एवं उप सरपंच कैलाश बड़कुर ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया।