इटारसी। त्रिकूट पर्वत पर विराजी मां वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए शहर से आज सुबह झेलम एक्सप्रेस से 300 श्रद्धालुओं का जत्था रवाना हुआ। करीब 47 वर्षों से श्रद्धालु प्रतिवर्ष माता वैष्णों देवी दर्शनों के लिए जत्थे के रूप में जा रहे हैं।
ट्रेन रवाना होने से पूर्व श्रद्धालु दुर्गा चौक मंदिर से माता का दरबार और ज्योत लेकर ढोल-बाजे के साथ स्टेशन पहुंचे। यात्रा संयोजक जतिन बतरा ने बताया कि 300 श्रद्धालुओं के साथ ढोल और बैंड पार्टी भी जा रही है।
रेलवे स्टेशन पर खूब नाचे
झेलम एक्सप्रेस से रवाना होने से पूर्व तीर्थयात्रियों ने रेलवे प्लेटफार्म पर जमकर नृत्य किया। मां के जयकारे लगाये। जम्मू के कटरा स्थित त्रिकूट पर्वत पर माता वैष्णो के दर्शन करने के लिए इस बार लगभग तीन सौ यात्री गये हैं। साथ में ढोल पार्टी भी गयी है, हर बड़े स्टेशन पर जहां ट्रेन पांच मिनट से अधिक रुकती है, ये भक्त प्लेटफार्म पर उतरकर नाचते और मां के जयकारे लगाते हैं।
हर वर्ष जाते हैं सैंकड़ों भक्त
माता महाकाली, महासरस्वती और महालक्ष्मी के पिंडी स्वरूप के दर्शन करने हर वर्ष जुलाई माह की 13 तारीख को सैंकड़ों भक्त जाते हैं। इस वर्ष भी आज 13 जुलाई को सुबह झेलम एक्सप्रेस से भक्तों का दल निकला है। यात्रा का यह 47 वॉ वर्ष है। माता वैष्णो दर्शन यात्रा समिति के संरक्षक सतीश बतरा और संयोजक जतिन बतरा के अनुसार शहर सहित आसपास के क्षेत्रों से करीब 300 सौ भक्त आज जा रहे हैं। ट्रेन की एक बोगी में मां का दरबार सजाया है, दोनों वक्त आरती होगी, तीर्थयात्रियों के जलपान और भोजन की व्यवस्था समिति की ओर से रहेगी।
5 लोगों ने शुरू की थी यात्रा
शहर के पांच लोगों के समूह ने माता वैष्णो देवी के दर्शनों की परंपरा शुरू की थी, इसके बाद हर साल वैष्णो देवी जाने का सिलसिला शुरू हो गया। हर साल यह संख्या बढ़ रही है। पहले वर्ष माता दर्शन को जाने वाले सतीश बतरा, अन्नू गुप्ता, ब्रजमोहन सैनी, रमेश भार्गव और मालवीय गुरूजी ने साथ मिलकर यात्रा शुरू की। अब हर वर्ष जत्था माता वैष्णो देवी दर्शनों के लिए जाता है।