इटारसी। सावन मास (Sawan month) के अवसर पर पूरे भारत (India) में भगवान शिव (Lord Shiva), माता पार्वती (Mother Parvati) और उनके नंदी तथा गणेश (Ganesha), कार्तिकेय (Kartikeya) का पूजन होता है लेकिन अभिषेक भगवान शंकर का होता है। वर्षाकाल के चार मास के चातुर्मास में भगवान शिव प्रसन्न दिखाई देते है। उनके गणों, यक्षों, गंधर्वों, किन्नरों और मनुष्य को सेवा का विशेष फल मिलता है।
उक्त उद्गार पं. विनोद दुबे (Pt. Vinod Dubey) ने श्री नागेश्वर ज्योर्तिलिंग (Shri Nageshwar Jyotirlinga) निर्माण और अभिषेक के अवसर पर व्यक्त किए। श्री नागनाथ की लिंग मूर्ति छोटे गर्भ गृह में रखी हुई। यहां महादेवी के सामने नंदी नहीं है। गर्भगृह के पीछे नंदी का मंदिर अलग से है। श्री दुर्गा नवग्रह मंदिर (Shri Durga Navagraha Temple) में द्वादश पार्थिव ज्योर्तिलिंग का पूजन, अभिषेक एवं एक लाख रूद्रि निर्माण चल रहा है। जिसके तहत बुधवार को नागेश्वर ज्योर्तिलिंग का पूजन एवं अभिषेक मुख्य यजमान शेखर पगारे (Shekhar Pagare) एवं श्रीमती राशिका पगारे (Mrs. Rashika Pagare), राजेन्द्र दुबे (Rajendra Dubey) ने किया।
इस अवसर पर भारत के चंद्रयान मिशन 3 (Chandrayaan Mission 3) लेंडर विक्रम (Lander Vikram) की चंद्रमा पर सफलता पूर्वक लैडिंग के लिए विशेष रूद्राष्टक एवं अभिषेक किया। ज्योर्तिलिंग पूजन में प्रतिदिन सात पवित्र नदियों का जल एवं अरब सागर का जल अभिषेक हेतु आ रहा है। आचार्य पं. सत्येन्द्र पांडे एवं पं. पीयूष पांडे पूर्ण सहयोग कर रहे हैं।