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25 वे वर्ष में मना झूलेलाल चालीहा पर्व, 110 लोगों ने रखा व्रत

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  • – भंडारे एवं शोभायात्रा के साथ हुआ चालीहा महोत्सव का समापन

इटारसी। भगवान श्री झूलेलाल चालीहा व्रत महोत्सव आस्था और भक्ति के साथ मनाया। रविवार को समापन पर भगवान श्री झूलेलाल की महाआरती एवं भंडारे में हजारों भक्तों ने शामिल होकर धर्मलाभ लिया। बड़ी संख्या में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। शाम के समय शोभायात्रा निकाली गई।

25 वें वर्ष में आयोजित महोत्सव के मौके पर 25 बहराणा साहब का निर्माण किया और 110 लोगों ने व्रत रखा। पूज्य पंचायत सिंधी समाज एवं झूलण सेवा समिति, सिंधु विकास समिति द्वारा प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी 16 जुलाई से भगवान श्री झूलेलाल चालीहा महोत्सव व्रत शुरू हुआ था। प्रतिदिन सुबह भगवान श्री झूलेलाल मंदिर में विशेष आरती पूजन एवं रात में साढ़े नौ बजे से देर रात तक भजन संकीर्तन एवं धार्मिक आयोजन 40 दिनों तक किए। चालीहा व्रत महोत्सव के समापन पर रविवार को सुबह गुजरात से आए ठकुर सांई मनीष लाल की मौजूदगी में 25 बहराणा साहब का निर्माण कर विशेष पूजन अर्चन एवं महाआरती की गई।

पूज्य पंचायत सिंधी समाज के अध्यक्ष धर्मदास मिहानी एवं अन्य समितियों के पदाधिकारी भी मौजूद रहे। इस आयोजन के लिए जबलपुर की शहनाई टीम ने संगीतमय प्रस्तुति दी। महाआरती के पश्चात मंदिर परिसर में भजन संकीर्तन सामूहिक रूप से आयोजित किया जिसमें बड़ी संख्या में सिंधी समाज के महिला पुरूष एवं बच्चे मौजूद रहे। दोपहर दो बजे से विशाल भंडारे में बड़ी संख्या मेंगणमान्य नागरिक एवं जनप्रतिनिधि पहुंचे। नगरपालिका कार्यालय के पास जरूरतमंदों को प्रसाद वितरण किया। शाम छह बजे शोभायात्रा भगवान श्री झूलेलाल मंदिर परिसर से प्रारंभ हुई जिसमें महिलाओं ने बहराणा साहब को सिर पर रखकर ढोल ढमाके के साथ सिंधी कालोनी की विभिन्न लाइनों में शोभायात्रा पहुंची। जहां समाज के लोगों ने अपने-अपने घर के सामने पूजन अर्चन किया। देर शाम यह शोभायात्रा सिंधी कालोनी गली नंबर एक मां शेरावाली दरबार पहुंचकर मां नर्मदातट के लिए रवाना हुए। शोभायात्रा में मौजूद समाज के लोग भगवान श्री झूलेलाल जी की भक्ति में थिरकते हुए नजर आए।

25 साल पहले शुरू हुआ था चालीहा महोत्सव

शहर के सिंधी कालोनी में भगवान श्री झूलेलाल चालीहा व्रत महोत्सव की शुरूआत 25 साल पहले 1999 से छोटे से रूप में प्रारंभ हुआ था। धीरे-धीरे यह चालीहा महोत्सव आज भव्य रूप ले चुका है। झूलण सेवा समिति के संस्थापक गोपाल सिद्धवानी के अनुसार चालीहा महोत्सव के तहत 40 दिनों तक व्रत रखना पड़ता है। यह काफी कठिन होता है, क्योंकि इस व्रत को रखने वालों को 40 दिनों तक कठिन नियमों का पालन करना होता है। बावजूद इसके धीरे-धीरे समाज के लोगों में आस्था बढऩे के साथ व्रत रखने वालों की भी संख्या बढ़ी है। इस बार 110 लोगों ने व्रत रखकर भगवान श्री झूलेलाल की आराधना की है। शहर के अलावा अनेक शहरों से भक्त लोग आकर यह व्रत रखते हैं, आरती मे शामिल होते हैं। उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। यह मनोकामना पूर्ण व्रत कहलाता है। व्रत रखने वाले कई लोगों की मनोकामनाए भी पूर्ण हुई हैं।

Rohit Nage

Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.

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