इटारसी। आर्डनेंस फैक्ट्री (Ordnance Factory) के कर्मचारी जर्जर आवासों में जोखिम के बीच रहने को मजबूर हैं। यहां के जर्जर आवासों के कई हिस्से ढह रहे हैं, जिनसे कर्मचारियों और उनके परिवारों को जान का जोखिम उठाना पड़ रहा है। कई दशक पहले बनी आवासीय कालोनियों के आवास पूरी तरह जर्जर हो गए हैं। आए दिन परिसर में मकानों के प्लास्टर-छज्जा गिरने, दीवारों में सीलन, करंट आने जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं।
वर्षा काल में तेज पानी गिरने के बाद अब मकानों की नींव और कमजोर हो गई हैं, ऐसे में इन मकानों में रहने वाले कर्मचारियों और उनके परिवारों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। कर्मचारी संगठनों से जुड़े नेताओं ने बताया कि कई बार इस मामले में प्रबंधन को शिकायत की गई है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। पिछले दिनों दौरे पर आए सांसद दर्शन सिंह चौधरी (MP Darshan Singh Chaudhary) से भी भारतीय मजदूर संघ के नेताओं ने यह समस्या दर्ज कराते हुए इस पर कार्रवाई की मांग की थी। कर्मचारियों का आरोप है कि अफसरों के बंगले तो चकाचक रहते हैं, लेकिन छोटे कर्मचारियों की कालोनियों में सालों से रखरखाव नहीं हो रहा है, ऐसे में बड़ी जनहानि हो सकती है।
मंगलवार शाम 4:45 बजे टाइप थ्री में आवास क्र. 3161-3168 के बीच प्रथम तल पर बने आवास का छज्जा सीढिय़ों पर गिर गया, इस दौरान यहां बच्चे खेल रहे थे, लेकिन संयोग से कोई जनहानि नहीं हुई। 15 मई को यहां के टाइप वन कालोनी 1106 में बालकनी का पूरा छज्जा ढह गया था, इस हादसे में एक महिला बुरी तरह जख्मी हो गई थी, जिसका उपचार कराया गया था।
इसी तरह से पिछले दिनों हुई तेज वर्षा के दौरान एक टीनशेड परिसर में खड़ी कार पर गिर गया था। कर्मचारियों ने कहा कि पूरी आवासीय कालोनी जर्जर हो चुकी है, ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। निगमीकरण के बाद अब कर्मचारी संगठनों की सुनवाई भी नहीं हो रही है, आला अफसर मूलभूत सुविधाओं में सुधार की मांग को भी नजरअंदाज कर रहे हैं।
इस बारे में उपमहाप्रबंधक आयुध निर्माणी गिरीश कुमार पाल (Deputy General Manager Ordnance Factory Girish Kumar Pal) ने बताया कि जिन आवासों की हालत खराब है, उनके रखरखाव का प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा है, जल्द ही इसे मंजूरी मिल जाएगी, बाकी जहां इस तरह के हादसे हो रहे हैं, वहां रहने वाले परिवारों को हम नए आवास देकर दूसरी जगह शिफ्ट कर रहे हैं।