नर्मदापुरम। विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम नर्मदापुरम ने आरोपी कीरेस प्रसाद आरसे को धारा-7 भ्र.नि.अधि. में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं कुल 5000 रुपए अर्थदंड से दंडित किया।
जिला अभियोजन अधिकारी राजकुमार नेमा ने बताया कि प्रकरण के फरियादी वली मोहम्मद ने 15 मार्च 2019 को लोकायुक्त कार्यालय भोपाल में शिकायत की थी कि वह फर्नीचर कारखाने का व्यवसाय करता है, जो फाईन वुड इंडस्ट्रीज के नाम से स्थित औद्योगिक क्षेत्र मंडी के पीछे होशंगाबाद में स्थित है। उसके लायसेन्स के रिन्यूवल के लिए 31 दिसंबर 2018 को डीएफओ कार्यालय होशंगाबाद में आवेदन दिया था। रिन्यूवल रिकमंड करने के लिए क्षेत्र के रेंजर आरसे ने 10,000 रुपए की मांग की है और रजिस्टर मेंटेंन करने, अन्य लायसेन्स तथा रजिस्टर चेक करने के लिए बाबूओं ने भी पैसों की मांग की है।
पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त भोपाल ने आवेदन की तस्दीक एवं जांच निरीक्षक व्हीके सिंह को दिया। व्हीके सिंह ने जांच के दौरान फरियादी बली मोहम्मद को डीवीआर दिया। फरियादी वली मोहम्मद ने डीवीआर लेकर डिप्टी रेंजर कीरेस प्रसाद आरसे के शासकीय आवास पर गया और काम के संबंध में बातचीत की। कीरेस प्रसाद ने काम को करने के लिए 10,000 रुपए की मांग की। 8000 रुपए होली के पहले और 2000 रुपए होली के बाद की बात तय हुई थी।
जांच में डीवीआर में रिकॉर्ड वार्तालाप में कीरेस प्रसाद ने पैसे की मांग रिकॉर्ड होना पाये जाने पर निरीक्षक व्हीके सिंह ने आरोपी कीरेस प्रसाद के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया। शिकायतकर्ता के द्वारा ट्रेप कार्यवाही के संबंध में सहयोग नहीं किये जाने से ट्रेप कार्यवाही संपादित नहीं हो सकी थी।
प्रकरण में अग्रिम विवेचना संजय जैन उप पुलिस अधीक्षक ने विवेचना के दौरान आरोपी कीरेस प्रसाद ने ही रिश्वत की मांग किया जाना एवं आवाज परीक्षण रिपोर्ट में आरोपी की आवाज होना पाये जाने पर विवेचना उपरांत केवल आरोपी कीरेस प्रसाद आरसे के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा-7 के तहत अभियोग पत्र दिनांक 5-1-2023 विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया और कार्यालय के बाबूओं के संबंध में कार्यवाही समाप्त किये जाने का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया था।
विचारण के दौरान अभियोजन के द्वारा 13 अभियोजन साक्षियों के परीक्षण कराये गये। अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य के द्वारा एवं तर्क पर विचार करते हुए विशेष न्यायालय के द्वारा आरोपी को रिश्वत मांगने के आरोप में दोषी पाते हुए 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक दिनेश कुमार यादव, सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी जिला नर्मदापुरम द्वारा सशक्त पैरवी की गई।