मानव वध करने वाले दो को दस साल का कठोर कारावास

Post by: Rohit Nage

Ten years rigorous imprisonment to two who committed homicide

इटारसी। नगर के तृतीय सेशन न्यायाधीश इटारसी ने सुनील केवट की मानव वध प्रकृति की हत्या करने का दोषी पाते हुए आरोपी रमाकांत पटेल 37 साल एवं करण मेहरा 24 साल को धारा 304 (भाग दो)के तहत दस-दस साल के कठोर कारावास की सजा एवं एक-एक हजार रुपए के अर्थ दंड से दंडित किया है। अर्थदंड अदा नहीं करने पर आरोपी को छह छह माह तक और सजा भुगतनी होगी। आरोपीगण की सजा की अवधि में न्यायिक अभिरक्षा की अवधि समायोजित की जावेगी। दोनों आरोपी जमानत पर थे। उनके सजा वारंट तैयार कर दोनों को केंद्रीय जेल नर्मदापुरम भेज दिया गया है।

इस प्रकरण की पैरवी करने वाले अपर लोक अभियोजक राजीव शुक्ला ने बताया कि 13 जुलाई 2021को सुनील और उसका भाई मुकेश शाम के सात बजे आसफाबाद शराब पीने गए थे तो उन्हें अशोक के मकान के सामने आरोपी करण मेहरा और रमाकांत पटेल मिले और यह कहते हुए एक हजार मांग कि यहां हमारी अड़ीबाजी चलती है। करण ने अपनी जेब में रखा हुआ मिर्ची का पाउडर निकालकर सुनील की आंखों में डाल दिया तथा रमाकांत पटेल ने हौज पाइप से सुनील को सिर पर मारा जिससे वह वहीं गिर गया। मुकेश भागा तो दोनों लोगों ने उसका पीछा करते हुए कहा कि तू आज तो बच गया है अगर हमें रुपए नहीं दिए तो तुझे भी जान से खत्म कर देंगे। पुलिस वाले सरकारी अस्पताल लेकर आए थे तो उन्हें मुकेश ने घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

सुनील की सिर की चोट गंभीर होने से वह कोमा में चला गया था जिसका इलाज हमीदिया अस्पताल भोपाल में हुआ था। इलाज के दौरान ही सुनील की 28 जुलाई 21 को मृत्यु हो गई थी। दोनों आरोपी को धारा 294/307/302/34/506 भा.दंड विधान के अपराध में 30 जुलाई 21 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जहां पर आरोपी 16 फरवरी 22 तक जेल में रहे थे। फिर जमानत पर रिहा होने पर केस में आज निर्णय सुनने को कोर्ट में हाजिर थे। इस गंभीर प्रकरण में अपर लोक अभियोजक राजीव शुक्ला एवं भूरसिंह भदौरिया ने 16 गवाहों को परीक्षित कराया था तथा 39 दस्तावेजों को भी प्रदर्शित किया था।

न्यायाधीश इटारसी सुशीला वर्मा तृतीय सेशन न्यायाधीश इटारसी ने इस केस को हत्या की श्रेणी में ना मानते हुए मानव वध प्रकृति का गंभीर अपराध मानकर दोनों आरोपी को उक्त दस दस साल तक की सजा सुनाई है तथा जुर्माना भी लगाया है। इस केस की संपूर्ण पैरवी अपर लोक अभियोजक राजीव शुक्ला एवं भूरे सिंह भदौरिया ने संयुक्त रूप से की थी।

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