इटारसी। स्पिक मैके अध्याय इटारसी के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय ध्रुपद गायक प्रशांत मलिक एवं निशांत मलिक ने शासकीय कन्या महाविद्यालय इटारसी में शास्त्रीय संगीत के ध्रुपद गायन की प्रस्तुति से मन मोह लिया। पखावज पर उनका साथ गौरव शंकर उपाध्याय ने दिया। ध्रुपद गायन को ध्रुव तारा की तरह चमकाये रखने वाले मलिक बंधु दरभंगा घराने की पन्द्रहवीं पीढ़ी हैं।
महाविद्यालय के सांस्कृतिक भवन में आयोजित कार्यक्रम में मलिक बंधुओं ने ध्रुपद के पारंपरिक रागों के अलावा विशिष्ट रागों से भी श्रोताओं को अवगत कराया। आलाप के बाद गमक की प्रस्तुति दी गई। आपके द्वारा प्रस्तुत अशोक जमनानी के गीत अमृता नर्मदा, सर्वदा नर्मदा एवं हरि गीत को सभी ने बहुत पसंद किया। गौरव शंकर उपाध्याय ने बताया कि पांच मंगल वाद्य यंत्रों में शामिल पखावज के बाईं तरफ हर कार्यक्रम के पूर्व गुथा हुआ आटे की लोई लगाई जाती है, जो इसकी असल पहचान है। स्पिक मैके अध्याय इटारसी के समन्वयक सुनील बाजपेई ने बताया कि मलिक बंधु ध्रुपद गायन को एक नए और आधुनिक तरीके से प्रस्तुत कर रहे हैं।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आरएस मेहरा ने बताया कि ध्रुपद भारतीय संगीत की सबसे पुरानी गायकी है। आज महाविद्यालय में मलिक बंधुओ ने भारतीय शास्त्रीय संगीत की उन खिड़कियों को खोला है जहां से खुशबू और संस्कार आते हैं। आभार व्यक्त करते हुए डॉ. शिरीष परसाई ने कहा कि ध्रुपद गायन भारतीय संगीत की एक महत्वपूर्ण शैली है जो न केवल हमें अपनी सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ती है बल्कि संगीत के माध्यम से हमारी आत्मा को छूती है।
कार्यक्रम में जम्मू सिंह उप्पल, मंजरी अवस्थी, स्नेहांशु सिंह, रविंद्र चौरसिया, डॉ मुकेश चंद्र बिष्ट, डॉ संजय आर्य, डॉ शिखा गुप्ता, डॉ श्रद्धा जैन, डॉ नेहा सिकरवार, क्षमा वर्मा, हेमंत गोहिया, करिश्मा कश्यप, सुरेश मालवीय, एनआर मालवीय, राजेंद्र कुशवाहा, हरिशंकर निगोते गजेंद्र भदौरिया तथा छात्राएं उपस्थित थीं।