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कॉलेज के छात्रों ने जुझारपुर-देहरी का जियोटैग पेपरलेस सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण किया

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इटारसी। शासकीय महात्मा गांधी स्मृति स्नातकोत्तर महाविद्यालय के भूगोल विभाग के विद्यार्थियों ने आज ग्राम जुझारपुर का सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण जियोटैग से डिजिटल माध्यम से किया। प्राचार्य डॉ राकेश मेहता ने बताया कि सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण से किसी भी ग्राम के निवासियों की सामाजिक आर्थिक स्थिति को मापते हैं एवं गांव के विकास के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है।

यह सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से पेपरलेस सर्वे किया। भूगोल विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ दिनेश कुमार ने बताया कि यह सामाजिक आर्थिक सर्वे डिजिटल पेपर लेस जियो टैग तरीके से किया जा रहा है जिसमें विद्यार्थी अपने स्वयं के मोबाइल से गांव के परिवार की सूचना ऑनलाइन फीड करते हैं। इसमें सर्वेक्षण समाप्त होते ही ऑनलाइन गांव का सामाजिक आर्थिक स्तर पता चलता है।

इस सर्वे के आधार पर यह परिणाम आया है कि गांव में 74.7 प्रतिशत लोग ओबीसी समाज से, 12 प्रतिशत एससी समाज से और 8 प्रतिशत एसटी समाज के निवासित हैं। कुल 74 प्रतिशत घरों में प्राथमिक कृषि, 17 प्रतिशत घरों में द्वितीयक तथा 8 प्रतिशत लोग सेवा क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। यहां 18 प्रतिशत लोगों ने उच्च शिक्षा प्राप्त की है जबकि 9 प्रतिशत लोग अभी भी अशिक्षित हैं।

सामान्यत: गांव के किसान तीन फसल साल भर में उपजाते हैं एवं ज्यादातर गेहूं धान और मूंग की खेती की जाती है। सिंचाई के प्रमुख साधनों में नहर 58 प्रतिशत एवं ट्यूबवेल 41 प्रतिशत है। अधिकतर किसान (98.3 प्रतिशत) रासायनिक खाद का प्रयोग ज्यादा कर रहे हैं जबकि जैविक खाद का प्रयोग केवल 23 प्रतिशत किसान ही करते हैं। आंकड़ों के आधार पर हम यह कह सकते हैं कि लगभग 48 प्रतिशत जनसंख्या यहां पर उच्च जीवन स्तर प्राप्त की है। उपरोक्त ग्रामीणों का मुख्य व्यवसाय व्यावसायिक स्तर पर कृषि, सेवा क्षेत्र एवं उच्च श्रेणी के कारखाने में नौकरी करना है।

इस प्रकार के लोगों के घरों में फ्रिज, एसी, कूलर, चार पहिया वाहन उपलब्ध है। 33 प्रतिशत लोग सामान्य जीवन स्तर एवं 19 प्रतिशत लोग ही केवल निम्न स्तर जीवन को जी रहे हैं, जिनके पास कच्चा घर है और कोई भी सामाजिक सुविधा जैसे कूलर, दो पहिया वाहन, गैस कनेक्शन की उपलब्धता नहीं है। यह पीने के पानी के लिए कुओं का उपयोग करते हैं। और इनमें से ज्यादातर लोगों (12 प्रतिशत) के पास साफ सफाई की व्यवस्था अच्छी नहीं है।

सरकारी योजनाओं की बात करें तो गांव में 20 प्रतिशत लोगों ने आवास योजना, 18 प्रतिशत लोगों ने संबल योजना, 45 प्रतिशत लोगों ने आयुष्मान योजना, 30 प्रतिशत लोगों ने उज्जवला गैस एवं 72 प्रतिशत लोगों ने लाडली बहन योजना का लाभ लिया है। डॉ के आर कोसे ने बताया कि 53 प्रश्नों की अनुसूची के इस सर्वे में बीए एवं एमए के कुल 48 विद्यार्थियों ने भाग लिया। जिसमें ओम सिंह, राजेश्वरी भाटी, शिवानी, रूपा बागची, ज्योति प्रजापति, ज्योतिका आदि विद्यार्थी रहे। इस सर्वेक्षण में ग्राम के सरपंच श्रीमती परते एवं ग्राम के सचिव श्याम चौरे, हायर सेकेंडरी स्कूल के नवीन चौरे, ओपी चौरे एवं ग्राम वासियों ने सकारात्मक सहयोग किया।

Rohit Nage

Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.

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