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बोवनी खराब होने पर मिलती है, फसल बीमा राशि, किसानों को यह करना होगा

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इटारसी। वर्तमान खरीफ सत्र में बहुत से किसानों की सोयाबीन या अन्य खरीफ फसल बीज खराब होने या वर्षा कम या अधिक होने के कारणों से बोवनी खराब होती है, तो ऐसे किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत फसल बीमा राशि प्राप्त करने के अधिकारी होते हैं।

एडवोकेट दिनेश यादव ने बताया कि जिन किसानों की खरीफ फसल की बोवनी खराब हुई है, ऐसे किसानों को फसल बीमित राशि की 25 प्रतिशत राशि योजना अनुसार दी जानी चाहिए, इसमें शर्त यही है कि जिन बैंकों में किसानों का केसीसी खाता है, उन बैंकों द्वारा किसानों के कृषि ऋण से बीमा प्रीमियम राशि जमा किया जाना आवश्यक है। यदि किसान डिफाल्टर है या उसका केसीसी ऋण नहीं है तो ऐसे किसानों को अऋणी कृषक के रूप में बीमा कराया जाना आवश्यक है। सभी बैंकों द्वारा 15 जुलाई से 30 जुलाई के मध्य किसानों के केसीसी खाते से बीमा प्रीमियम राशि काटकर बीमा कंपनी को भेजी जाना है।

किसानों को अपने कृषि भूमि में बोई गई फसल की जानकारी, यदि उन्होंने अपनी फसल बदली है, तो बैंकों को लिखित में दिया जाना जरूरी है, क्योंकि कृषि ऋण लेते समय किसानों का बैंकों के साथ हुए अनुबंध में फसल लिखी होती है, यदि उस फसल से अन्य फसल की बोनी किसान ने की है, तो उसे बैंक को इस संबंध में जानकारी दिया जाना आवश्यक है। इस योजना के अनुसार एक बार बीमा राशि प्राप्त करने के बाद वर्तमान खरीफ सत्र में शेष बीमा आवरण से किसान बाहर हो जाता है, यानी कि इसी फसल में यदि बाद में कोई नुकसानी होती है तो वह बीमा राशि प्राप्त करने का अधिकारी नहीं होगा।

बहुत से किसानों की खरीफ फसल बोनी बीज खराब होने, दवाई के कारण और वर्षा के कारण खराब होती है, ऐसे किसानों को बीमा कंपनी, कृषि विभाग, तहसीलदार व बैंक को आवेदन देकर अपनी बोनी बिगडऩे के संबंध में सूचना देना चाहिए तथा शासन द्वारा गठित जिला स्तरीय तकनीकि समिति द्वारा किसान की कृषि भूमि का निरीक्षण कर रिपोर्ट बनाया जाना चाहिए तथा ग्रामीणों के समक्ष पंचनामा के साथ फोटो व अखबार की पेपर कटिंग भी साक्ष्य के रूप में उपयोग हो सकती है, ताकि वे अपनी नुकसानी का क्लेम कर सके।

इस योजना के अंतर्गत जिलों के लिए निर्धारित बैंक कृषि ऋणमान की 25 प्रतिशत राशि किसान को बीमा क्लेम के रूप में मिल सकती है। खंडवा जिले में सोयाबीन का ऋणमान 40000 रुपए प्रति हेक्टेयर है। यहां किसान की बोनी बिगडऩे पर 10000 रुपए प्रति हेक्टेयर बीमा क्लेम राशि मिल सकती है। इसी प्रकार नर्मदापुरम संभाग के अंतर्गत हरदा, नर्मदापुरम व बैतूल जिले में सोयाबीन फसल का ऋणमान 37500 रुपए. प्रति हेक्टेयर है। यहां के किसानों को 9400 रुपए प्रति हेक्टेयर बीमा क्लेम राशि मिल सकती है।

Rohit Nage

Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.

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