जब दूधिया रोशनी देख कर उछल पड़े बच्चे

आजादी के बाद पहली बार रोशन हुए 2 गांव
प्रमोद गुप्ता
सारनी/सावलमेंढा/आठनेर ब्लाक की ग्राम पंचायत धायवानी अंतर्गत आने वाले आदिवासी बाहुल्य ग्राम टांकी एवं वनग्राम मातका के ग्रामीणों ने पहली बार स्वयं के ग्राम व घर में बिजली देखी।
ग्राम में केंद्र सरकार की पंडित दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत बिजली पहुँचना संभव हो पाया। ग्रामीणों को बिजली नहीं होने का दर्द आज भी याद है। ग्राम में अनेको ऐसे बुजुर्ग हैं जिनकी जिंदगी बिना बिजली के ही गुजर गयी। आज प्रत्येक घर में में रोशनी है। गांव में बिजली पहुंचते ही गांव के ज्यादातर लोग अपने घरों में टेलीविजन लगवाने में जुटे हुए हंै। साथ ही त्योहारों पर बिजली से चलने वाले उपकरण खरीदने की तैयारी में हैं।
ग्रामीण संजू दहीकर, रामकिशोर चतुरकर, आनंदराव अखंडे, लालचंद कास्देकर, ने बताया केंद्र सरकार कि योजना ने गांव में बिजली लाकर एक नयी ऊर्जा देने का काम किया है। बिजली नहीं थी तब हम लोगों को विद्युत् संबंधी कार्यों के लिए 4 किमी दूर जाना पड़ता था। साथ ही बच्चों की पढ़ायी भी काफी प्रभावित थी। पिछली सरकार की बात करें तो वे यहां बिजली नहीं पहुंचा सके। वर्तमान समय में गांव में 24 घंटे बिजली रह रही है, पूरे ग्राम में ख़ुशी की लहर है। बच्चे भी रात्रि में पढ़ायी करते नजर आ रहे हैं। ग्रामों की तस्वीर बदली बदली सी नजर आती है।

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