इटारसी। विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सीतासरन शर्मा के निवास पर पहुंचकर अभद्रता करने और रोकने के बावजूद नहीं रुकने के मामले में पुलिस ने आज पूर्व मंडी अध्यक्ष रमेश बामने के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। विधानसभा अध्यक्ष के निज सचिव विनोद चौहान की शिकायत पर पुलिस ने पूर्व मंडी अध्यक्ष रमेश बामने, उनके पुत्र शरद और दुर्गेश बामने पर पर धारा 452, 294, 506, 34 का प्रकरण पंजीबद्ध किया है। पूर्व मंडी अध्यक्ष रमेश बामने आज सुबह हाईकोर्ट का नोटिस तामील कराने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. शर्मा के निवास पर पहुंचे थे, जहां उनका डॉ. शर्मा और उनके समर्थकों से विवाद हो गया। इसके बाद उनको सुरक्षा गार्ड ने बाहर किया और पुलिस बुला ली। पुलिस ने उन पर प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने दोपहर में उन्हें कोर्ट में पेश किया जहां से रमेश बामने और शरद बामने को जेल भेज दिया, जबकि दुर्गेश बामने फरार है।
सुबह करीब साढ़े दस से ग्यारह बजे के बीच पूर्व मंडी अध्यक्ष रमेश बामने हाईकोर्ट का हमदस्त नोटिस लेकर तामील कराने डॉ. शर्मा के निवास पर पहुंचे थे। उस वक्त डॉ. शर्मा जनसमस्या सुन रहे थे। उनके समर्थक भी वहां मौजूद थे। इस बीच डॉ. शर्मा और श्री बामने के बीच विवाद की स्थिति बन गई तो डॉ. शर्मा ने उनको वहां से जाने को कह दिया। जब श्री बामने वहां से नहीं गए तो सुरक्षा गार्ड ने वहां से बाहर किया। बाहर भी पूर्व मंडी अध्यक्ष ने शोर-शराबा किया तो डॉ. शर्मा ने पुलिस बुला ली। इसके बाद उनके निज सचिव श्री चौहान की शिकायत पर बामने पर प्रकरण पंजीबद्ध किया गया।
घटना ने लिया राजनीतिक रंग
पूर्व मंडी अध्यक्ष रमेश बामने का कहना है कि इटारसी मंडी में अविश्वास प्रस्ताव मामले में लगी रिट याचिका पर उच्च न्यायालय से डॉ. सीतासरन शर्मा के लिए नोटिस जारी हुआ था, जिसकी तामीली के लिए वे उनके निवास पर पहुंचे थे। इस दौरान हुए विवाद ने बाद में राजनीतिक रंग ले लिया। जैसे ही कांग्रेस के नेताओं को रमेश बामने पर प्रकरण दर्ज होने और उनकी गिरफ्तारी की खबर लगी, कांग्रेसी थाने पहुंचने लगे थे। कुछ ही देर में पूर्व मंत्री विजय दुबे काकूभाई, नगर अध्यक्ष पंकज राठौर, संभाग प्रवक्ता अशोक जैन सहित अनेक कांग्रेसी थाने पहुंच गए थे। कांग्रेसियों के थाने पहुंचने की खबर के बाद बड़ी संख्या में भाजपायी भी पुलिस थाने पहुंच गए थे। बड़ी संख्या में राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं की भीड़ देखकर पुलिस को वैरीकेटिंग करनी पड़ी।
इनका कहना है…!
मैं हर रोज की तरह अपने निवास पर जनसमस्या सुन रहा था। इस बीच रमेश बामने ने आकर मुझसे झगड़ा किया। उनके साथ चार-पांच लोग और भी थे। दरअसल हमने सूरजगंज में उनके एक अतिक्रमण की शिकायत की है, जो मामला वर्षों से चल रहा है। उनका आभास हो गया था कि अतिक्रमण मामले में फाइनल आर्डर होने वाले हैं। वे अपना अतिक्रमण बचाने के लिए ये सारी जद्दोजेहद कर रहे हैं। उन्होंने झगड़ा किया, हमने बाहर जाने का अनुरोध किया, नहीं गए तो गार्ड ने उनका बाहर किया। बाहर जाकर भी उन्होंने शोर-शराबा किया तो हमने पुलिस बुलायी। टीआई ने आकर उनको यहां से ले गए हैं। कांग्रेस को ऐसे अपराधिक तत्वों को संरक्षण नहीं देना चाहिए, जनता सब देख रही है। जहां तक बात नोटिस तामीली की बात है तो वे नोटिस लाने वाले कौन होते हैं? हम प्रशासन से अनुरोध कर रहे हैं कि रमेश बामने के अतिक्रमण मामले में जल्द से जल्द कार्यवाही करे।
डॉ.सीतासरन शर्मा, विधानसभा अध्यक्ष (जैसा उन्होंने मीडिया को बताया)
मैं विधायक के पास आया था, हाईकोर्ट का नोटिस तामील कराने। मेरे साथ उनके गार्ड ने अभद्रता की और मुझे बाहर निकाल दिया।
रमेश बामने, पूर्व मंडी अध्यक्ष और जिला कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष
मंडी कमेटी चुनाव को लेकर रमेश बामने ने याचिका दायर की थी, जिस पर हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है। उन्होंने नोटिस नहीं झेला था, वही देने श्री बामने गए थे। वहां उनके साथ अभद्र व्यवहार हुआ है और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया है। उन पर जो धाराएं पुलिस ने लगायी है, वह अनुचित है।
विजय दुबे काकूभाई, पूर्व विधायक
रमेश बामने द्वारा विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा के निवास पर पहुंचकर उनसे अभद्रता की शिकायत मिली थी, वहां पुलिस गार्ड की ड्यूटी थी, गार्ड ने भी रोका जिस पर वे रुके नहीं। उनको उनको विधानसभा अध्यक्ष के निज सचिव विनोद चौहान की शिकायत पर प्रकरण पंजीबद्ध करके गिरफ्तार किया है। कोर्ट का नोटिस कभी भी विरोधी पार्टी को सीधे तामील कराने नहीं जाते हैं, रमेश बामने उनके निवास पर जाकर अभद्रता कर रहे थे, इसलिए उन पर प्रकरण पंजीबद्ध किया है।
अनिल शर्मा, एसडीओपी