इटारसी। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कारोना योद्धाओं द्वारा स्व. श्री डॉ. एनएल हेडा को दो मिनट का मौन धारण कर अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी गई।
विदित हो स्व. डॉ. एनएल हेडा जिले के प्रथम कोरॉना पॉजिटिव थे जो स्वयं ही एक चिकित्सक के साथ जिम्मेदार नागरिक का फर्ज निभाते हुए एम्स चिकित्सालय में भर्ती हुए और कोरोना संक्रमण के लक्षण महसूस करते ही मरीज देखना बंद कर दिया था। उनके चिकित्सकीय ज्ञान जागरूकता के कारण त्वरित कार्यवाही करते हुए जिले में अन्य मरीजों को चिन्हित किया जा सका और क्षेत्र को सील किया गया। इसके परिणाम स्वरूप आज जिले में मात्र इटारसी के कुछ क्षेत्र ही संक्रमित हैं। इस अवसर पर डॉ. कांति बाथम खंड चिकित्सा अधिकारी ने इस दुखद घटना को चिकित्सा जगत के लिए अपूर्णीय क्षति बताया वहीं वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. जीआर करोड़े ने उन्हें याद करते हुए परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
डीएसपीएम में भी श्रद्धांजलि
डॉ.श्याम प्रसाद मुखर्जी शासकीय अस्पताल के चिकित्सक सहित पैरामेडिकल स्टाफ ने भी अस्पताल के सभाकक्ष में दिवंगत डॉ. एनएल हेडा को श्रद्धांजलि अर्पित की है। इस अवसर पर डॉक्टर्स के साथ स्टाफ ने दो मिनट का मौन रखकर डॉ. हेडा के चिकित्सकीय सेवा के कार्यों को याद किया। जिला मुख्यालय पर संचालित नर्मदा अपना अस्पताल ने भी डॉ. हेडा के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित किये हैं। अस्पताल के संचालक डॉ. राजेश शर्मा ने डॉ. हेडा को नर्मदांचल के कर्मवीर कहा और नर्मदा परिवार की ओर से श्रद्धासुमन अर्पित किये।
सोशल मीडिया में श्रद्धांजलि
इटारसी के सोशल मीडिया ग्रुप्स में भी डॉ. हेडा को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वाट्सअप ग्रुप अपनी इटारसी में शाम 4 से 4.15 तक ग्रुप के किसी भी सदस्य ने ग्रुप में किसी प्रकार की कोई पोस्ट नहीं की। ग्रुप को पंद्रह मिनट के लिए बिल्कुल पोस्ट फ्री रखा गया। पंद्रह मिनट की अवधि बीतने के पश्चात सदस्यों ने अपने-अपने शब्दों में डॉ. हेडा के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। शहर के नागरिकों की ओर से पत्रकार प्रमोद पगारे के निवेदन पर शाम पांच बजे नागरिकों ने दो मिनट का मौन रखकर अपने ही घरों से डॉ. हेडा के प्रति अपने श्रद्धासुमन अर्पित किये।
दोपहर 2 बजे पंचतत्व में विलीन
शहर के चिकित्सक और सबके चेहते डॉ. एलएल हेडा कोरोना से जंग जीतने के बाद हृदयाघात सहन नहीं कर सके। शहर के अनेक हृदय रोगियों को उपचार देने वाले डॉ. हेडा को एम्स में बचाया नहीं जा सका। शनिवार को दोपहर 2 बजे भोपाल के भदभदा विश्राम घाट पर उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनके तीनों भतीजों ने उनको मुखाग्नि दी। पत्नी आशा हेडा, भाई ओमप्रकाश हेडा, भतीजे नवनीत, बृजेश, यश, भतीजा बहू रखा भी इस अवसर पर मौजूद थे।
डॉ. हेडा की मृत्यु से लगा आघात : पगारे
शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ एनएल हेडा की आकस्मिक मृत्यु से सभी हितैषियों को आघात लगा है। कोरोना वायरस से जारी महायुद्ध के महायोद्धा डॉ हेडा को श्री दुर्गा नवग्रह मंदिर समिति लक्कडग़ंज इटारसी ने अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी है।
समिति अध्यक्ष, धार्मिक कार्यकर्ता एवं डॉ हेडा के पारिवारिक मित्र प्रमोद पगारे ने कहा कि डॉ हेडा वर्षों पूर्व हरदा से इटारसी आकर जनसेवा कर रहे थे, अगर वे चाहते तो उनके जैसी शख्शियत देश-प्रदेश के किसी बड़े अस्पताल में कार्य कर सकती थी, परंतु उन्होंने जनसेवा को महत्वपूर्ण समझा, और लगातार शहर जिला सहित विभिन्न क्षेत्रों के जरूरतमंदों को स्वास्थ्य सेवाएं दी। उन्होंने कहा कि डॉ हेडा सदा हमारे अंदर जीवित रहेंगे, अब हमें और ज्यादा संभलने की आवश्यकता है, नहीं तो नतीजे भयावह होंगे।
इस अवसर पर समिति सदस्य सुरेंद्र सिंह राजपूत, अमित मौर्य, सुनील दुबे शिक्षक, घनश्याम तिवारी, पं पीयूष पांडे, महेंद्र पचौरी उपस्थित थे। सभी ने डॉ हेडा के तेल चित्र पर माल्यार्पण करके, मौन श्रद्धांजलि दी।
डॉक्टर हेडा का असमय निधन, अपूरणीय क्षति : जायसवाल
कोरोना वायरस के संक्रमण से संक्रमित हुए इटारसी शहर के सुप्रसिद्ध डॉक्टर एनएल हेडा जिन्होंने चिकित्सा को कभी भी अपना व्यवसाय नहीं बनाया। हमेशा पीडि़त लोगों की सेवा में लगे रहे। उनका असमय निधन से मैं स्तब्ध हूं। मैं भाजपा परिवार की और से उनके चरणों मे श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। यह क्षेत्र के लिए अपूरणीय क्षति है जिसे कोई पूरा नहीं कर पाएगा।
यह बात भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष हरिशंकर जायसवाल ने कही। जायसवाल ने कहा कि दुख की इस घड़ी में भारतीय जनता पार्टी के नेता और कार्यकर्ता डॉ हेडा के परिवार के साथ खड़े हुए हैं, साथ ही जायसवाल ने कहा कि संक्रमित लोगों के द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण की बात को छुपाया और ऐसे लोग डॉक्टर हेडा से अपना इलाज कराने पहुंच गए जिससे डॉ हेडा भी संक्रमित हो गए। आज एक प्रतिभाशाली और समाज सेवी चिकित्सक का निधन हो गया है, यह बहुत ही दुखद और चिंताजनक है।