पंकज से पंकज
फिर से बच्चा बनने को
स्कूल का बस्ता खोज रहा हूं।
कब हंसा था सोच रहा हूं
मैं वह चेहरा खोज रहा हूं।
शहर में आकर भूल गया जो,
गांव रस्ता खोज रहा हूं।
मुझ को लेकर गया कहा,
उसका पता खोज रहा हूं।
पंकज से पंकज को लेकर कहा छुप गया,
खोज रहा हूं।
पंकज पटेरिया(Pankaj Pateria) संपादक शब्द ध्वज
9807505691