कृषि विभाग की झांकी को आत्मनिर्भर थीम पर मिला प्रथम स्थान

Post by: Rohit Nage

होशंगाबाद। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) की आत्मनिर्भर भारत एवं मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan)की आत्मनिर्भर मप्र की परिकल्पना को साकार करती कृषि विभाग (Department of Agriculture)की झांकी आत्मनिर्भर मप्र को जिला मुख्यालय पर आयोजित गणतंत्र दिवस (Republic Day)के मुख्य समारोह में मुख्य अतिथि उषा ठाकुर (Usha Thakur), मंत्री पर्यटन एवं संस्कृति, विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा (Dr.sitasaran sharma), कलेक्टर धनंजय सिंह (Dhananjay singh) और अन्य अतिथियों  ने प्रथम पुरस्कार से पुरस्कृत किया। यह पुरस्कार उपसंचालक कृषि जितेन्द्र सिंह (Deputy Director Agriculture Jitendra Singh) ने ग्रहण किया।
Puraskar1झांकी में आगे किसान नृत्य करते चल रहे थे जो खेती की खुशहाली का प्रतीक रहे। ये किसान जैविक खेती को अपनाने एवं नरवाई प्रबंधन हेतु किसानों को प्रेरित कर रहे थे। झांकी के प्रथम भाग में भारत सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ग्रामीण कृषि अधोसंरचना कोष की स्थापना की गई थीजिससे होने वाले लाभों को प्रदर्शित किया था, इसमें कृषि आदानों का भंडारण और विपणन, सायलो वेयर हाउस (SayLow Ware House), पॉली हाउस (Poly House), ग्रीन हाउस (Green House), कोल्ड स्टोरेज (Cold Storage)आदि प्रमुख रहे। द्वितीय भाग में आत्मनिर्भर मप्र बनाने की दिशा में कृषि विभाग द्वारा किये जा रहे प्रयासों को प्रदर्शित किया था जिसमें उन्नत किस्म के बीजों से उगाई गयी फसलों का प्रदर्शन था। जिले के किसान बम्पर उत्पादन के साथ-साथ अनाज की गुणवत्ता पर भी लगातार कार्य कर रहे हैं और धीरे-धीरे परंपरागत खेती की ओर लगातार अग्रसर होकर जैविक फसलों का उत्पादन कर रहे हैं और अपने परिवार के साथ जिला व प्रदेश को उच्च गुणवत्ता वाले अनाज की उपलब्धता सुनिश्चित कर रहे हैं। DDAजैविक खेती के माध्यम से रसायनों से मुक्त अनाजों का उत्पादन प्राप्तकर आमजन को स्वास्थ्य के प्रति जागरुक कर रहे हैं। झांकी में जैविक खेती के विभिन्न उत्पादों का प्रदर्शन एवं जैविक खेती में लगने वाले आदानों को भी प्रदर्शित किया गया था। अंतिम भाग में किसानों द्वारा गेहूं की फसल उत्पादन के बाद अपने खेतों के फसल अवशेषों में आग लगाने से रोकने विभाग द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से अभियान चलाकर नरवाई न जलाने हेतु किसानों को जागरुक किया जा रहा था। झांकी के पीछे नरवाई प्रबंधन में उपयोग आने वाले उन्नत कृषि हैपी सीडर ( Happy Cedar)एवं यंत्र बेलर (Baler) का प्रदर्शन किया जा रहा था जिससे फसल अवश्ेाष का प्रबंधन कर उसमें आग लगने से बचाया जाता है, जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती, पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है।

Leave a Comment

error: Content is protected !!