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नाराजगी : रात के वक्त ठंड में खेतों में देना पड़ रहा है किसानों को पानी

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इटारसी। तेज ठंडी हवा, रात के वक्त पारा 12 डिग्री सेल्सियस के आसपास। ऐसे में किसान की खेत जाने की मजबूरी, क्योंकि बिजली विभाग (Electricity Department) रात के वक्त ही बिजली दे रहा है।किसान का कहना है कि रात के वक्त सिंचाई करना इस ठंड के मौसम में कठिन है, उनको सिंचाई के लिए दिन में ही दस घंटे बिजली मिले। यह मांग किसान कर रहे हैं। बिजली विभाग (Electricity Department) के अधिकारी किसानों के इस कष्ट से बेफिक्र रहे तो किसानों ने आज सड़क पर उतरकर आंदोलन किया और जमानी सब स्टेशन का घेराव करने जा पहुंचे। उन्होंने विभाग के उपमहाप्रबंधक विवेक चावरे को सब स्टेशन के बाहर अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा।

Kisan Sangh 1
भारतीय किसान संघ इटारसी (Indian Farmers Union, Itarsi) के सदस्यों ने आज शुक्रवार को जमानी विद्युत सब स्टेशन का घेराव किया जिसमें भारी संख्या में आक्रोशित किसान शामिल हुए। इस दौरान प्रदर्शन में शामिल संघ पदाधिकारियों और किसानों ने बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों पर तानाशाही के आरोप लगाए। ग्राम जमानी में धरना प्रदर्शन करने के पश्चात भारतीय किसान संघ के कार्यकर्ता एवं किसान रैली के रूप में सबस्टेशन पहुंचे जहां पर बिजली अधिकारियों से चर्चा की और निराकरण करने की बात करके 5 दिन के बाद इटारसी स्थित उपमहाप्रबंधक कार्यालय का घेराव करने की चेतावनी दी।
इस दौरान भारतीय किसान संघ के तहसील अध्यक्ष श्रीराम दुबे, जिला प्रवक्ता रजत दुबे, तहसील उपाध्यक्ष श्यामशरण तिवारी, लीलाधर राजपूत, कमलकिशोर दुबे, आरबी चौधरी, राजेश साध, श्यामकिशोर लौवंशी, विद्युत प्रभारी सरदार यादव, नरेन्द्र गौर, सुनील चौहान, राजू तोमर, विवेक साध, जगदीश कुशवाह, श्याम गालर, बलदेव टेकाम, विनोद वारिवा, मानसिंह कलमे, मयंक महालहा उपस्थित रहे।

भूमि समतल नहीं, सिंचाई करना मुश्किल
भारतीय किसान संघ के जिला मंत्री संतोष पटवारे ने बताया कि जमानी सबस्टेशन के अंतर्गत अनेक ग्रामों में समतल कृषि भूमि नहीं होने से रात के समय सिंचाई करना मुश्किल हो रहा है। भीषण ठंड की वजह से भी किसान रात के समय सिंचाई नहीं कर पाता है। जब विभाग दिन में अपने विभागीय कार्य करता है, तो दूसरी तरफ किसान कैसे रात के समय जागकर सिंचाई कर पाएगा? किसानों को दिन के समय ही 10 घंटे बिजली प्रदान की जाए।

किसानों के साथ हो रहा है दुव्र्यवहार
संभागीय उपाध्यक्ष उदय पांडे ने भी बिजली विभाग अधिकारियों पर तानाशाही का आरोप लगाकर कहा कि विभाग के अधिकारी और कर्मचारी किसानों के साथ दुव्र्यवहार करते हंै। कोई अधिकारी-कर्मचारी किसानों से सम्मान से बात नहीं करता है और ना ही दफ्तरों में किसानों के फोन उठाए जाते हैं। उन्होंने विद्युत विभाग के अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर ये तानाशाही बंद नहीं हुई तो किसान एकजुट होकर विभाग के खिलाफ आवाज उठाएंगे।

ट्रांसफार्मर बदलवाने लगवाते चक्कर
किसान संघ के जिला उपाध्यक्ष मोरसिंह राजपूत ने कहा कि किसानों को ट्रांसफार्मर बदलवाने के लिए महीनों तक विभाग के दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं, फिर भी उनकी सुनवाई नहीं की जाती है। यहां तक कि उनके सवालों का संतोषजनक जवाब तक नहीं दिया जाता है। अनेकों बार किसानों से पैसों की मांग करके ही ट्रांसफार्मर बदले जाते हैं। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग की तानाशाही किसानों पर भारी है, जिसका पुरजोर विरोध होगा।

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1 thought on “नाराजगी : रात के वक्त ठंड में खेतों में देना पड़ रहा है किसानों को पानी”

  1. किसानी खेती के लिए पानी देने का समय सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद का ही उचित होता है, ऐसा कई बार सुना है। दिन में धूप चढ़े पानी देने से पानी का दिन के तापमान के कारण अकारण वाष्पीकरण होता जाता है। सुबह सवेरे सिंचाई करने से सूर्य के निकलने के बाद प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया ज्यादा प्रभावी हो सकती है। और रात में पानी देने से भी ठीक ही रहता है उससे खेती को कोई नुकसान भी नहीं होता, लेकिन आजकल सुविधाओं की मांग और आदत ने जल का अकारण दोहन करना शुरू कर दिया है। इससे बेहतर होगा कि अपनी जमीनों में अपनी मांग के अनुसार तालाब खुदवाएं और फव्वारा अथवा बूंदी सिंचाई करने का पुनीत कार्य कर लें।

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